लखनऊ : मां-बेटी आत्मदाह प्रयास मामले में 4 पुलिसकर्मी सस्पेंड, अखिलेश और मायावती ने योगी सरकार को घेरा

अमेठी
उत्तर प्रदेश के अमेठी की रहने वाली मां-बेटी ने लखनऊ में आत्मदाह का प्रयास किया। विधानसभा के सामने हुई इस घटना में गंभीर रूप से जली मां-बेटी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस मामले के तूल पकड़ने के बाद अमेठी के डीएम ने थाने में मां-बेटी की सुनवाई न करने वाले पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया है।

डीएम अरुण कुमार और एसपी ख्याति गर्ग शुक्रवार को पीड़िता के घर पहुंचे। उन्होंने निरीक्षण करने के बाद मामले में जामो थाने की लापरवाही पाई। डीएम अरुण कुमार ने बताया कि लापरवाही बरतने वाले जामो के एसएचओ रतन सिंह, हल्का के दरोगा ब्रह्मानंद तिवारी और दो सिपाहियों समेत चार को सस्पेंड कर दिया है। इधर अस्पताल में भर्ती मां-बेटी का हालत पर डॉक्टरों ने बताया कि मां की हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं बेटी को खतरे से बाहर बताया जा रहा है।

अमेठी की रहने वाली है महिला सफिया (50) और उनकी बेटी गुड़िया (28) का 9 मई को अपने पड़ोसी अर्जुन साहू से नाली को लेकर विवाद हुआ था। जिसमें गुड़िया की तहरीर पर पुलिस ने जामो थाने में अर्जुन साहू समेत चार लोगों के खिलाफ 323, 354 का मुकदमा दर्ज कर लिया था। 

बता दे मीडिया से बात करते हुए संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) नवीन अरोड़ा ने कहा कि, “एक महिला को पुलिस ने बचा लिया, दूसरी महिला की हालत गंभीर में है। दोनों का COVID-19 टेस्ट भी किया जाएगा। दोनों को सिविल हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। वहीं, इस मामले में अब सियासत भी गरमा गई हई। पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और  बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने इस मसले पर योगी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, “लखनऊ में लोकभवन के सामने दो महिलाओं द्वारा दबंगों के खिलाफ़ कोई कार्रवाई न होने से हताश होकर आत्मदाह करने की दुःखद ख़बर आयी है। सपा ने लोकभवन इसलिए बनवाया था कि वहाँ बिना भेदभाव आम जनता अपनी शिकायतों के निवारण के लिए जा सके, लेकिन इस भाजपा सरकार में गरीबों की कोई सुनवाई नहीं।

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, “लोकभवन के सामने 2 महिलाओं द्वारा आत्मदाह की घटना, सोती हुई सरकार को जगाने के लिए क्या काफ़ी नहीं है या फिर असंवेदनशील सरकार व मुख्यमंत्री जी किसी और बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं। क्या उप्र में सरकार नाम की कोई चीज़ है!”

मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा, “जमीन विवाद प्रकरण में अमेठी जिला प्रशासन से न्याय न मिलने पर माँ-बेटी को लखनऊ में सीएम कार्यालय के सामने आत्मदाह करने को मजबूर होना पड़ा। यूपी सरकार इस घटना को गम्भीरता से ले तथा पीड़ित को न्याय दे व लापरवाह अफसरों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करे ताकि ऐसी घटना पुनः न हों।”

पुलिस ने मां-बेटी पर ही दर्ज कर ली थी एफआईआर
दूसरी तरफ विपक्षी अर्जुन साहू की तहरीर पर गुड़िया पर भी धारा 323, 452, 308 का मुकदमा दर्ज हुआ। महिला के अनुसार, अर्जुन साहू की पुलिस के साथ अच्छी साठगांठ के चलते उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। जिस वजह से महिला आला अधिकरियों तक अपनी बात पहुंचाने लखनऊ आई और विधानसभा गेट नंबर 3 के सामने अपनी बेटी के साथ खुद को आग के हवाले कर दिया।

दबंगों ने नाली के विवाद में किया हमला
अस्पताल में भर्ती गुड़िया (28) ने बताया कि वह जामो अमेठी की रहने वाली है। उसके घर से नाली का पानी नहीं निकल रहा है। इसके लिए उसने जब नाली साफ करनी चाही तो गांव में रहने वाले दबंग अर्जुन, सुनील, राजकारण, राममिलन ने उसकी मां सोफिया (50) पर हमला कर दिया था। विरोध करने पर उसकी भी पिटाई कर दी थी। गुड़िया जब जामो थाना पहुंची तो दबंग वहां भी आ गए और पुलिस के सामने उसे थाने से बाहर भगाने लगे। उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप पर आरोपितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इसके बाद दोनों घर वापस आ गईं। आरोप है कि पुलिस ने दबंगों से साठगांठ करके उल्टा उसके ऊपर मुकदमा लिख दिया।

जानें क्या है पूरा मामला

दरअसल, शुक्रवार देर शाम राजधानी लखनऊ में लोकभवन के सामने उस समय हड़कंप मच गया, जब अमेठी की रहने वाली एक मां-बेटी धू-धूकर जलने लगीं और इधर-उधर भागने लगीं। इस दौरान सड़क पर वाहनों की रफ्तार रुक गई और लोग तमाशा देखने लगे। आग लगने के बाद मां-बेटी बुरी तरह झुलस गईं। पुलिस ने दोनों को फ़ौरन सिविल अस्पताल में भर्ती कराया है वहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।

बताया जा रहा है कि दोनों पीड़िताएं अमेठी के जामो थाना क्षेत्र की रहने वाली हैं। आरोप है कि दबंगों ने नाली को लेकर हुए विवाद में उनके साथ मारपीट की थी। दोनों जिला प्रशासन से लेकर हर जगह न्याय के लिए महीनों से चक्कर काट रही थीं लेकिन कोई कार्रवाई न होने के चलते उन्होंने यह खौफनाक कदम उठाया। फिलहाल पुलिस उनके होश में आने का इंतजार कर रही है।

घायल मां-बेटी की रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि करीब एक माह पूर्व नाली के विवाद में गांव के रहने वाले अर्जुन, भीम, मिलन और राजकरण ने उन लोगों को मारा-पीटा था। जिसकी शिकायत पुलिस और प्रशासन में पीड़िता ने की लेकिन न्याय नहीं मिला।

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