LU : उत्तराखंड के राज्यपाल ने किया लखनऊ विवि का दौरा, वनस्पति, प्राणी विज्ञान विभाग व टैगोर पुस्तकालय की सराहना

लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय को उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह के आगमन का गौरव प्राप्त हुआ। अपने विश्वविद्यालय दौरे के दौरान उन्होंने विभिन्न विभागों का निरीक्षण किया और संकाय सदस्यों, शोधकर्ताओं एवं विद्यार्थियों से संवाद किया।


दौरे की शुरुआत उन्होंने संविधान स्थल से की, जहां उन्होंने गहरा सम्मान प्रकट करते हुए डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके उपरांत उन्होंने वनस्पति विज्ञान विभाग और प्राणी विज्ञान विभाग का भ्रमण किया तथा अंत में टैगोर पुस्तकालय में अपने दौरे का समापन किया।
वनस्पति विज्ञान विभाग में राज्यपाल ने संकाय सदस्यों से संवाद किया और विभाग के “संजीवनी” नामक औषधीय उद्यान की विशेष सराहना की। उन्होंने सूर्य की किरणों से प्रेरित इस अद्वितीय डिज़ाइन और Mentha (पुदीना) एवं Artemisia जैसी सुगंधित और औषधीय पौधों की विविधता को सराहा।

उन्होंने कहा कि मुगल काल में इत्र निर्माण हेतु पौधों की जड़ों से सुगंधित तत्वों का निष्कर्षण किया जाता था, जिनमें से कई आज भी उत्तराखंड में उगाए जाते हैं। उन्होंने इस परंपरा को “अत्यंत रोचक क्षेत्र” बताते हुए लखनऊ और अन्य क्षेत्रों की ऐतिहासिक भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने “संजीवनी” नाम में “ई” की उपस्थिति को भी विशेष रूप से सराहा और कहा कि सुगंधित पौधों का इत्र उद्योग में विशाल संभावनाएं हैं, जिन्हें प्रोत्साहन देने हेतु सरकार अनुदान भी प्रदान कर रही है।


इसके पश्चात राज्यपाल ने प्राणी विज्ञान विभाग का भ्रमण किया। उन्होंने संकाय और विद्यार्थियों से संवाद किया तथा प्राणी संग्रहालय का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने एक सींग वाले गैंडे का कंकाल, एशियाई हाथी, 1.5 मीटर लंबा केंचुआ, तथा वीनस फ्लावर बास्केट जैसे दुर्लभ और विविध प्रजातियों के नमूनों की सराहना की। उन्होंने विभाग के 15 शोधार्थियों से भेंट की, जिनमें अधिकांश अपने शोध के प्रारंभिक चरण में थे, और उनके ज्ञान और उत्साह की प्रशंसा की।


इसके बाद वे टैगोर पुस्तकालय पहुंचे, जहां प्रोफेसर केया पांडे (मानद पुस्तकालयाध्यक्ष) एवं सहायक पुस्तकालयाध्यक्षों ने उनका स्वागत किया। उन्होंने SOUL डिजिटल पुस्तकालय प्रणाली, प्राचीन चित्रकृतियों, भारतीय संविधान की मूल प्रति, दुर्लभ पांडुलिपियों और “शब्दभेद” संग्रह में विशेष रुचि दिखाई। जब उन्होंने वहां संविधान की आठ मौलिक प्रतियों में से एक को देखा तो वे गहरे भावविभोर हो गए। उन्होंने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और शिक्षकों को उनके कार्य के प्रति समर्पण और प्रतिबद्धता के लिए बधाई दी।


एक भावनात्मक क्षण तब आया जब उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब की प्रति देखी। उन्होंने श्रद्धापूर्वक कुछ पंक्तियां पढ़ीं और माथा टेककर उसकी आध्यात्मिक गरिमा को नमन किया।


राज्यपाल ने रक्षा एवं रणनीतिक अध्ययन विभाग के परास्नातक विद्यार्थियों से भी बातचीत की। दौरे के पश्चात उन्होंने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि वे विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों और शिक्षकों की संपूर्ण प्रतिबद्धता और ज्ञान के प्रति समर्पण से अत्यंत प्रभावित हुए हैं। उन्होंने विशेष रूप से कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय की नेतृत्व क्षमता की सराहना करते हुए कहा कि यह उत्कृष्टता उनके दूरदर्शी नेतृत्व से ही संभव हुई है। उन्होंने एक शब्द-खेल करते हुए कहा, प्रोफेसर राय के नाम में छिपा ‘AI’ उनकी प्रतिभा और बुद्धिमत्ता का प्रतीक है।”

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