‘सीता को खोने के बाद भगवान राम होश खो बैठे थे, बदनामी छिपाई गई…’ तमिल कवि के बयान ने छेड़ी नई बहस

Tamil Kavi Vairamuttu : तमिल गीतकार और कवि वैरामुत्तु ने भगवान राम को लेकर एक बयान दिया है, जिसने विवाद पैदा कर दिया है। उन्होंने कहा कि सीता को खो देने के बाद भगवान राम अपना ‘होश’ खो बैठे थे। उनके इस बयान के बाद से राजनीतिक और धार्मिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया हो रही है।

बयान के अनुसार, वैरामुत्तु ने प्राचीन तमिल कवि कंबर के रामायण के एक प्रसंग की व्याख्या करते हुए कहा कि राम ने सीता को खोने के बाद अपने विवेक को खो दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि कवि कंबर ने राम के चरित्र से इस बदनामी को मिटा दिया था।

वैरामुत्तु ने कहा, “सीता को खोकर राम अपना विवेक खो बैठे हैं।” उन्होंने यह भी तर्क दिया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 84 के अनुसार, पागल व्यक्ति का अपराध मानना उचित है। साथ ही, उन्होंने कहा कि वाल्मीकि भी राम को इस कलंक से नहीं बचा सके, लेकिन कंबर ने राम को ‘रामचंद्र’ कहा, क्योंकि सूर्य पर कोई दाग नहीं होता, जबकि चंद्रमा पर होता है।

उनके इस बयान पर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है। भाजपा के प्रवक्ता सीआर केशवन ने कहा कि वैरामुत्तु हिंदू देवताओं का अपमान कर रहे हैं और उन्हें तुरंत माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि क्या ऐसे बयान देना उचित है, खासकर जब कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी मौजूद थे। केशवन ने डीएमके नेताओं पर भी निशाना साधते हुए पूछा कि इस तरह के बयान की निंदा क्यों नहीं की गई। तमिलनाडु भाजपा के सचिव अश्वत्थामन ने भी वैरामुत्तु से माफी की मांग की है।

विवाद बढ़ने के साथ ही, यह मामला सियासी गर्माहट के बीच खड़ा हो गया है, जिसमें धर्म और आस्था के मुद्दे भी शामिल हैं।

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