अपने घर में झाँको… पाकिस्तान को भारत ने जमकर लगाई लताड़, वक्फ कानून ज्ञान देने पर मिला ये तगड़ा जवाब

India slammed Pakistan On Waqf act: लंबी चर्चा के बाद भारत में वक्फ कानून (Waqf act India) में संशोधन हो गया। संसद के दोनों सदनों में बहस के बाद बिल पास हुआ। इसे लेकर देश भर में विरोध हुआ। वहीं इसे भरपूर समर्थन भी मिला। एक तरफ देश की अदालतों में इसके पक्ष और विपक्ष में कई याचिकाएं दायर हुई है। दूसरी ओर हमारा पड़ोसी पाकिस्तान आदतन विपक्ष की भूमिका निभाता रहता है। वक्फ कानून पर पाकिस्तान से आए बयान (Pakistan On Waqf act) के बाद भारत सरकार ने भी करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय ने दो टूक कह दिया है कि पाकिस्तान को अपने गिरेबान पर झांकना चाहिए। उसे हमारे आंतरिक मामलों में ज्ञान नहीं देना चाहिए।

वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के आने के साथ ही पाकिस्तान के साथ बांग्लादेश के नेताओं के बयान धड़ाधड़ आ रहे थे। वहां के अखबारों में लेख झापे जा रहे थे। इसी कारण भारत सरकार ने इस रवैये पर आधिकारिक बयान जारी किया है और पाकिस्तान को अपने घर की चिंता करने की सलाह दी है। 

अपना गिरेबान देखे पाकिस्तान

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल (Randhir Jaiswal On Waqf act)  स्पष्ट कहा कि पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, “हम वक्फ अधिनियम पर पाकिस्तान की प्रेरित और निराधार टिप्पणी को सिरे से खारिज करते हैं। पाकिस्तान अपने घर की चिंता करे, भारत अपने रास्ते पर अडिग है।”

विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि जब बात अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की हो तो पाकिस्तान को दूसरों को उपदेश देने से पहले अपने खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड की ओर देखना चाहिए। दुनियाभर में यह सबको पता है कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार और भेदभाव की घटनाएं लगातार सामने आती रही हैं। 

कांग्रेस और विपक्षी भ्रम

विधेयक के पारित होते ही विपक्ष की तरफ से भ्रम फैलाने की कोशिशें शुरू हो गईं। हालांकि, भाजपा प्रवक्ता और पूर्व मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने साफ किया कि यह कानून मुसलमानों के हित में है। इससे समाज के कमजोर तबके को सशक्त किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि जैसे CAA पर पाकिस्तान ने भ्रम फैलाया था। वैसे ही वक्फ अधिनियम पर भी दुष्प्रचार कर रहा है।

शाहनवाज ने स्पष्ट किया गया कि वक्फ समितियों का नेतृत्व मुसलमानों के हाथ में ही रहेगा। कानून में धार्मिक या सांप्रदायिक भेदभाव की कोई गुंजाइश नहीं है। मोदी सरकार सबका साथ, सबका विकास की भावना से काम कर रही है।

बहुमत से पास हुआ था बिल

बता दें लोकसभा में बिल पेश किया गया था। यहां से लंबी बहस के बाद पास होने के बाद बिल राज्यसभा पहुंचा था। वक्फ संशोधन विधेयक को लोकसभा में 288 और राज्यसभा में 128 वोटों से बहुमत के साथ पारित किया गया। बाद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद यह विधेयक कानून में परिवर्तित हो गया। अब इसे लेकर कई संगठन कोर्ट पहुंचे हैं।

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