
Lucknow : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में लोहिया संस्थान का अहम योगदान है। केजीएमयू, लोहिया संस्थान व एसजीपीजीआई ने कार्य करते हुए आज उत्तर प्रदेश के अन्दर चिकित्सा स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में मानक गढ़े हैं। नेपाल, बिहार व पूर्वांचल के जिलों से बड़ी संख्या में मरीज लोहिया संस्थान में इलाज के लिए आते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हुई हैं। पहले अस्पतालों में आईसीयू बेड नहीं थे। लोगों का समय पर इलाज नहीं हो पाता था। आज टीम वर्क के साथ बेहतर उपचार मिल रहा है। काम करने का जज्बा होता है तो सारी चीजें ठीक होती हैं। हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। कोरोना काल में बहुत कुछ सीखने को मिला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीकि का उपयोग कर हम भीड़ की गति को रोक सकते हैं। पीएचसी, सीएचसी व जिला अस्पताल में भी व्यवस्थाएं ठीक हुई हैं। लोगों को इलाज मिल रहा है। उन्हाेंने कहा कि चरक व सुश्रुत दुनिया को भारत की देन है। भारत ने विश्व को पहला सर्जन दिया। समय के अनुरूप हम उस गति को बनाकर रख नहीं पाये।
कार्यक्रम के दाैरान मुख्यमंत्री ने कई निर्माण कार्यों का लोकार्पण व शिलान्यास के साथ कई चिकित्सकाें काे सम्मानित भी किया। इस अवसर पर लोहिया संस्थान के निदेशक प्रो.सी.एम. सिंह ने संस्थान की उपलब्धियों से सबको अवगत कराया। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, सचिव चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।