लॉकडाउन: पिता के अंतिम संस्कार में ना पहुंच सकी बेटी, पड़ोसी मुस्लिम भाईयों ने अर्थी को कंधा देकर किया अंतिम संस्कार

अंतिम संस्कार में दिखी गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल, कराया विधि पूर्वक अंतिम क्रियाकर्म


कानपुर । हमारा देश गंगा गंगा जमुनी तहजीब के लिए जाना जाता है एक बार फिर से एक मिशाल कानपुर में देखने को मिली जहाँ एक पिता जिंदगी के आखरी पल गिन रहा था, लेकिन उसकी इकलौती बेटी लॉक डाउन के चलते पिता के पास उनके आखरी समय में न पहुंच सकी। इंतजार खत्म हो गया और पिता ने दम तोड़ दिया, तब ऐसे में पड़ोसी मुस्लिम भाइयां ने उनको कंधा दिया और उनकी अंतिम क्रिया कर्म हिन्दू रिवाज से कर हिन्दू मुस्लिम एकता की अनूठी मिशाल पेश की। इस दौरान राम नाम सत्य भी मुस्लिम भाई बोलते नजर आये।

दरअसल, कानपुर के नरोना रोड पर कौशल प्रसाद अकेले रहते थे। उनकी पत्नी व बेटे की मृत्यु दो वर्ष पहले ही हो चुकी है। अब उनकी सिर्फ एक ही बेटी कमलेश्वरी उर्फ कृष्णा, जो शादी के बाद सीतापुर में रहती है। 60 वर्षीय कौशल प्रसाद लंबे समय से बीमार थे। वह चाहते थे कि उनके आखरी पलों में उनकी बेटी उनके पास आ जाये, लेकिन दो एक दिन पहले उनकी मौत हो गयी। बेटी को मुखग्नि के लिए बुलाया गया, लेकिन लॉक डाउन के चलते वह न आ सकी।

ऐसे में उनके अंतिम संस्कार के लिए स्थानीय मुस्लिम भाई आगे आए और पूरे विधि विधान से उनकी शव यात्रा निकाली। मुस्लिम भाइयों ने राम नाम सत्य है कहते हुए उन्हें कंधा दिया और हिन्दू रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार भी किया। यह देख लोगों ने एक बारगी फिर कहा कि यह है कानपुर की गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल, जिसके लिए यहां की माटी को जाना जाता है। हालांकि मुस्लिम भाई इस बात को लेकर नाखुश भी दिखे कि इस लॉकडाउन में सब्जी बेचने पर हमें दूसरी नजरों से देखा जा रहा है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि कुछ भी हो जाये कानपुर में गंगा जमुनी की तहजीब नहीं मिटने दी जाएगी।

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