Live-in Reletionship :  क्या शादी से पहले साथ रहना सही? जानिए फायदे और नुकसान…जो हर पार्टनर को पता होनी चाहिए

आज के युवा प्यार को खुलकर जीना चाहते हैं, लेकिन शादी जैसी जिम्मेदारियों से बचते हैं। इसी कारण लिव-इन रिलेशनशिप भारत में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इसमें कपल बिना शादी के साथ रहता है, जिससे शादी से पहले एक-दूसरे को समझने और जीवन आसान बनाने का मौका मिलता है।

लिव-इन रिलेशनशिप के फायदे

  1. एक-दूसरे को समझने का मौका – शादी से पहले पार्टनर की आदतें, स्वभाव और जीवनशैली को जान सकते हैं।
  2. स्वतंत्रता और व्यक्तिगत स्पेस – रिश्ते में स्वतंत्रता बनी रहती है।
  3. आर्थिक स्वतंत्रता – दोनों अपनी आर्थिक जिम्मेदारियां साझा कर सकते हैं और किसी पर निर्भर नहीं होते।
  4. भावनात्मक निकटता – खुला संवाद रिश्ता मजबूत बनाता है।
  5. तलाक की जटिलताओं से बचाव – अगर रिश्ता काम नहीं करता, तो आसानी से अलग हो सकते हैं।

लिव-इन रिलेशनशिप के नुकसान

  1. कमिटमेंट की कमी – विवाह जैसा मजबूत आधार नहीं होने से भरोसा कमजोर हो सकता है।
  2. मानसिक और भावनात्मक तनाव – अलग होने पर तनाव अधिक होता है।
  3. सामाजिक स्वीकार्यता की कमी – परिवार और समाज से आलोचना और कलंक झेलना पड़ सकता है।
  4. कानूनी सुरक्षा सीमित – संपत्ति और उत्तराधिकार में सुरक्षा कम होती है।
  5. बच्चों से जुड़ी जटिलताएं – भारतीय कानून और समाज बच्चों को लेकर पूरी तरह मान्यता नहीं देते।

भारतीय समाज में लिव-इन की सोच

शादी को दो परिवारों का मिलन माना जाता है, इसलिए बिना शादी साथ रहना कई लोगों को अस्वीकार्य लगता है। शहरी क्षेत्रों में यह बढ़ रहा है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में इसे पाप या असभ्यता माना जाता है।

कानून और अधिकार

भारत में लिव-इन अवैध नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे मान्यता दी है, खासकर दो वयस्कों की सहमति पर। घरेलू हिंसा कानून के तहत पार्टनर सुरक्षा और अधिकार पा सकते हैं। लेकिन संपत्ति और बच्चों के अधिकार में स्पष्टता अभी नहीं है।

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