
शोध की गुणवत्ता पर ध्यान दे रहा सीसीएसयू, अहम और दिलचस्प होते जा रहे हैं विषय
भास्कर समाचार सेवा
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय शोध की गुणवत्ता पर जिस प्रकार ध्यान दे रहा है, शोधार्थियों के विषय भी अहम और दिलचस्प होते जा रहे हैं। साहित्य के क्षेत्र में नए प्रयोग किए जा रहे हैं, जिन्हें काफी पसंद किया जा रहा है। बुढ़ाना मुजफ्फरनगर के छात्र मोहम्मद ताबिश को सीसीएसयू के 34वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की उपस्थिति में पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। “नासिर काज़मी की रूमानवी शायरी” शीर्षक पर उन्होंने अपना शोध कार्य उर्दू विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर असलम जमशेदपुरी की देखरेख में पूर्ण किया।
साहित्य में बचपन से रुचि रखने वाले ताबिश की नासिर काज़मी की शायरी पर एक किताब प्रकाशित हो चुकी है। इससे पहले वह इसी विभाग से एमफिल की डिग्री भी प्राप्त कर चुके हैं। रोमांटिक शायरी पर उनके लेख विभिन्न समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए। उन्होंने बताया, रूमानियत यानी रोमांटिसिज़म के विभिन्न रूप होते हैं। प्रकृति से मोहब्बत, देश प्रेम, ईश्वर से इश्क़ हो या महबूब से, सब रूमानियत के ही शेडस हैं। उन्होंने कहा, इश्क़ पर किसी का ज़ोर नहीं चलता, यह जुनून की अवस्था है। दिल की गहराई से, स्वतंत्र रूप में की गई शायरी रूमानी शायरी कहलाती है। रूमानी शायरों में एक बड़ा नाम नासिर काज़मी का भी है, जिनकी ग़ज़लों को दुनिया के बड़े ग़ज़ल गायकों ने गाया।
उदास शायर रहे हैं नासिर काजमी
नासिर काज़मी को उदास शायर समझा जाता है, लेकिन उनकी शायरी में उम्मीद की किरण दिखाई देती है। उन्होंने उदासी को जीने के आदाब सिखाए। “रात” उनकी शायरी में अंधकार के रूप में नहीं बल्कि, सकारात्मक रूप में दिखाई पड़ती है। वो कहते हैं फूल रात को खेलते हैं, रचनात्मक दिमाग रात में होता है।
अंतरात्मा का सुखद एहसास कराती है शायरी
ताबिश ने अंत में कहा, साहित्य दिलों को जोड़ने का काम करता है, प्रेम को बढ़ावा देता है, शायरी अंतरात्मा को सुखद एहसास कराती है। इस भागदौड़ भरी जीवनशैली में साहित्य सुकून के लम्हें प्रदान करता है। इस विषय पर और अधिक शोध होंने की आवश्यकता है। इश्क़ को और समझने की आवश्यकता है।