
मुंबई। महाराष्ट्र में लगातार बढ़ रहे तेंदुओं के हमलों से आतंक का माहौल है। महायुति सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए ‘राज्य आपदा’ घोषित करने की तैयारी की है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस संबंध में जरूरी निर्देश दिए हैं। इस आशय का प्रस्ताव कैबिनेट की अगली बैठक में पेश किया जाएगा।
तेंदुओं के हमले की बढ़ती समस्या को लेकर मंगलवार को मंत्रालय में मुख्यमंत्री फडणवीस की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अजीत पवार, वन मंत्री गणेश नाईक, जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन, विधायक शरद सोनवणे, पूर्व मंत्री दिलीप वलसे पाटिल सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। महाराष्ट्र में तेंदुए के लगातार बढ़ते हमलों की खबरें आ रही हैं। मवेशियो और इंसानों पर हो रहे हमले को लेकर लोग दहशत में हैं। राज्य सरकार ने एहतियाती कदम तेज कर दिए हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार तेंदुओं को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची-1 से हटाकर अनुसूची-2 में शामिल करने का प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट में पेश किया जाएगा। मनुष्यों पर हमला करने वाले तेंदुओं पर नियंत्रण के लिए आवश्यक स्थानों पर तुरंत पिंजरे लगाए जाने का फैसला लिया गया है। साथ ही मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को अगले दो-तीन महीनों में पुणे जिले में तेंदुओं के उपचार और पुनर्वास के लिए दो बचाव केंद्र शुरू करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार शहरों और गांवों के आस-पास घूमने वाले तेंदुओं को पकड़ने के लिए एआई और ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। तेंदुओं के घूमने वाले इलाकों में गश्त बढ़ाई जाएगी और बचाव दल और वाहनों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
तेंदुओं को अनुसूची एक में शामिल किया गया है। इसलिए आदमखोर तेंदुओं को पकड़ने और मारने की सीमाएं हैं। तेंदुओं को अनुसूची एक से हटाने के लिए केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा जाएगा। केंद्र सरकार से तेंदुओं की नसबंदी की अनुमति मिल गई है। मुख्यमंत्री ने आदमखोर तेंदुओं को ढूंढकर उनकी नसबंदी करने के निर्देश दिए हैं।
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