
Leh Voilence : लेह में बुधवार को हुई हिंसक झड़पों में चार नागरिकों की मौत और 70 से अधिक घायल होने के बाद, लद्द्दाख में स्थिति गंभीर हो गई है। हिंसा के मद्देनजर कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस द्वारा पूर्ण बंद का आह्वान किया गया है, जिसके चलते कारगिल और आसपास के इलाकों में जीवन ठप हो गया है। वहीं, लेह में कर्फ्यू लागू है और इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे।
पुलिस ने हिंसा के मामले में पचास से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया है, जिनमें कांग्रेस काउंसलर सहित कई लोग शामिल हैं। हालांकि, अधिकारिक तौर पर अभी तक हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या की पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, और हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कारगिल में दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान और बाजार बंद रहे, जबकि लेह में भी व्यापक बंद देखा गया। स्थानीय लोगों ने अपनी दैनिक गतिविधियों से परहेज कर इन घटनाओं के विरोध में एकजुटता दिखाई है।
यह अशांति लद्द्दाख के राजनीतिक संगठनों और जनता की लंबे समय से चली आ रही मांग का परिणाम है, जिसमें क्षेत्र को छठी अनुसूची में शामिल कर संवैधानिक सुरक्षा और पूर्ण राज्य का दर्जा देने की बात शामिल है। प्रदर्शनकारियों का तर्क है कि यह कदम क्षेत्र की जमीन, रोज़गार और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा के लिए जरूरी हैं।
बुधवार को लेह में एक विशाल विरोध रैली के दौरान सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हो गई, जिसमें सुरक्षा बलों पर गोला-बारूद और आंसू गैस का इस्तेमाल करने का आरोप है। इस घटना में चार नागरिकों की मौत हुई और कई घायल हुए।
उपराज्यपाल ने इस हिंसा को क्षेत्र को अस्थिर करने की साजिश बताते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, लेह एपेक्स बॉडी ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि यह जनता का स्वाभाविक गुस्सा था, जो सरकार की नीतियों और संवैधानिक अधिकारों के इनकार के विरोध में था।
केडीए ने भी अपने समर्थन की पुष्टि की है और कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वे शांतिपूर्ण आंदोलन जारी रखेंगे।
लद्दाख के नागरिकों ने इन मौतों पर शोक व्यक्त किया है और आरोप लगाया है कि प्रशासन ने टकराव से बचाव के बजाय टकराव को बढ़ावा दिया। कई लोगों का मानना है कि स्थिति को बेहतर ढंग से संभालने के बजाय, अधिकारियों ने बल का प्रयोग कर स्थिति को और बिगाड़ दिया है।
लद्द्दाख के उपराज्यपाल ने कहा कि किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों को कठोर से कठोर सज़ा दी जाएगी। उन्होंने कानून व्यवस्था बनाए रखने और आमजन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कठोर कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
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