राजधानी में अकबर नगर के बाद दूसरी सबसे बड़ी ध्वस्तीकरण की कार्यवाही जल्द देखने को मिल सकती है । लखनऊ विकास प्राधिकरण ने उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद 81 इमारतों को नोटिस जारी किया है । इन इमारतों में ज्यादातर अपार्टमेंट्स है जिनमें सैकड़ों की संख्या में लोग रह रहे है । जानकारी के मुताबिक तकरीबन 2200 फ्लैटों के मालिकों की जीवनभर की जमा पूंजी पर लड़ा का बुलडोजर गरज सकता है । प्राधिकरण ने 81 इमारत के बिल्डरों को 15 दिन की नोटिस दी है जिसमें उन्हें इमारत खाली करने के लिए कहा गया है । माना जा रहा है कि अगर की कानूनी अड़चन न आई तो ये एलडीए की दूसरी सबसे बड़ी कार्यवाही होगी ।
15 साल बाद टूटेंगे अवैध अपार्टमेंट
एलडीए के जिम्मेदारों और बिल्डरों की मिलीभगत से 2009 से 2012 के बीच में लखनऊ के अलग – अलग क्षेत्रों में बने अवैध अपार्टमेंट पर तत्कालीन इंजीनियरों और अधिकारियों की लापरवाही आम जनता को भरी पड़ने वाली है । इन अवैध अपार्टमेंट में जीवन भर की जमा पूंजी लगा कर सैकड़ों परिवार रह रहे है । ऐसे में 15 साल बाद इन अपार्टमेंट पर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही का आदेश कही न कही इन परिवारों के लिए बड़ी मुसीबत का सबब बन सकता है । बिल्डरों के साथ मिलकर प्राधिकरण के जिम्मेदारों ने जो खेल खेला उसकी सजा मासूम जनता को भुगतनी पड़ सकती है बरहाल फ्लैट्स में रह रहे इन लोगो के पास अभी उच्चतम न्यायालय में अपील करने का रास्ता खुला है लेकिन जानकारो की माने तो वहां से भी राहत मिलने की उम्मीद कम ही है ।
26 इंजीनियरों पर भी कार्यवाही करने के आदेश हुए है ।
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में उन 26 इंजीनियरों पर भी कार्यवाही करने के निर्देश दिए ही जिन्हें 2015 में हुई जांच में दोषी पाया गया है इनमें से अधिकतर अब सेवानिवृत्ति हो चुके है । इन इंजीनियरों पर आरोप है कि तैनाती के वक्त इन्होंने केवल कागजी कार्यवाही करी और इन अवैध अपार्टमेंट के निर्माण कार्यों को नहीं रोका ।
न्यायालय के आदेश के बाद हमने सभी 81 निर्माणों के बिल्डरों को 15 दिन की नोटिस जारी की है जिसके बाद ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की जाएगी । – प्रथमेश कुमार ( एलडीए उपाध्यक्ष