जमीन कब्जा का मामला… कोतवाल के बिगड़े बोल : भाजपाजनों से अभद्रता कर बोला मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते

  • प्रभारी मंत्री अजीत पाल ने कार्रवाई के लिए एसपी धवल जायसवाल को लिखा पत्र
  • जमीन में कब्जा कराने के मामले में बढ़ा बवाल
  • पूर्व में भी दागी दरोगा के खिलाफ दर्ज हुआ था हत्या का मुकदमा

फतेहपुर । जनपद में पुलिस अधीक्षक की सख्ती के बावजूद खाकी की छवि को दागी दरोगा बिगाड़ रहे हैं। जनता गांव की एक जमीन को मुकदमे के दौरान बिंदकी पुलिस पर जबरन कब्जा कराने के आरोप लगे हैं। जब इस मामले पर एक भाजपा कार्यकर्ता ने सवाल उठाया तो कोतवाल बिंदकी सुनील सिंह ने उसको जेल भेजने की धमकी दी और थाने से अपमानित करके भगा दिया ! निरंकुश कोतवाल सुनील ने भाजपा नेताओं से यह भी कहा कि जो करना है कर लो, मै अपने हिसाब से काम करता हूं, मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते ।

बता दें कि बिंदकी कोतवाली क्षेत्र के जनता गांव में एक जमीन पर पुलिस की मदद से अवैध कब्जा करवाया जा रहा था जबकि उस जमीन का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इस मामले में बिंदकी के मंडल अध्यक्ष भाजपा पूरन सिंह व सौरभ बाजपेई ने कोतवाली जाकर विरोध किया और न्याय संगत कार्रवाई की बात कही तो भाजपा नेताओं से भी कोतवाल सुनील सिंह ने अभद्रता शुरू कर दिया जिसके बाद भाजपा नेताओं ने प्रभारी मंत्री अजीत पाल से इसकी शिकायत की है। प्रभारी मंत्री ने निरंकुश कोतवाल के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसपी को पत्र लिखा है ! एसपी धवल जायसवाल ने पूरे मामले की जांच सीओ बिंदकी वीर सिंह को सौंपी है। बता दें कि बिंदकी कोतवाल सुनील सिंह पर निरंकुशता के पूर्व में भी कई गंभीर आरोप लगे थे।

2022 में दागी दरोगा सुनील सिंह के खिलाफ हत्या का मुकदमा भी राधानगर थाने में दर्ज हुआ था ! राधानगर थाने में एक एमआर सत्येंद्र कुमार की पीट पीटकर हत्या की गई थी। हत्या का आरोप थानेदार सुनील सिंह, एसआई विकास सिंह, आरक्षी देवेंद्र यादव पर लगा था। थाने में वसूली न मिलने पर पीट पीटकर हुई हत्या के बाद कई दिन तक जनपद में बवाल चला था, जिसके बाद तत्कालीन थानेदार सुनील सिंह, एसआई विकास सिंह व देवेंद्र यादव को निलंबित कर दिया गया था। लोगों के जबरदस्त प्रदर्शन के बाद तीनों आरोपी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा भी दर्ज हुआ था जिसके बाद तीनों जनपद से फरार हो गए थे।

कुछ माह बाद मामला ठंडा पड़ते ही विभागीय सेटिंग से हत्या के मामले में एफआर लगवा दी गई थी और पूर्व के कप्तान को चढ़ावा चढ़ाकर जांच भी निपटवा ली। बताते हैं अफसरों को गुमराह कर बिंदकी जैसे मलाईदार थाने में पोस्टिंग भी करवा ली लेकिन मनबढ़ इंस्पेक्टर की करतूतों में आज भी कोई अंतर नहीं है। पूरे मामले में प्रभारी मंत्री अजीत पाल ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर सख्त कार्रवाई के लिए कहा है। एसपी धवल जायसवाल ने पूरे मामले की जांच सीओ बिंदकी वीर सिंह को सौंपी है।

इस बाबत पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल ने कहा कि एक पक्ष पहले से उस जमीन पर काबिज है जबकि दूसरा पक्ष उस पर कब्जा चाहता है। दोनो पक्षों को एसडीएम और सीओ के समक्ष बुलाया गया है जो न्याय संगत होगा वही किया जाएगा। भाजपाईयों से अभद्रता के मामले पर एसपी ने कहा कि आरोप का एक प्रमाण मिल जाएगा तत्काल कार्रवाई करेंगे। फिर भी जांच सीओ को सौंपी गई है जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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