
Lalu Prasad Yadav : बिहार की सियासत में एक बार फिर लालू प्रसाद यादव की एंट्री ने माहौल में नई जान फूंक दी है। दानापुर की सड़कों पर सोमवार को जो नज़ारा देखने को मिला, उसने मानो 90 के दशक की यादें ताज़ा कर दीं। ट्रैफिक थम गया, दुकानें बंद हो गईं और भीड़ में मोबाइल की फ्लैशलाइट्स ने रात को दिन बना दिया – बस एक झलक पाने के लिए। सोमवार का रोड शो कोई प्रचार नहीं था, बल्कि लालू का “राजनीतिक रीयूनियन कॉन्सर्ट” था! जेल में बंद रीतलाल यादव के लिए उतरे लालू, और देखते ही देखते सड़कें लाल हो गईं. बता दें कि बिहार में राजनीति की दिशा और दशा अब भी जातियों के समीकरण से तय होती है। यहां विकास के नारे से ज्यादा असर ठाकुर, भूमिहार, यादव, कुर्मी, कोयरी और धानुक जैसी जातियों की एकजुटता का पड़ता है। यही वजह है कि नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर जैसे नेता भी अपनी रणनीति इस सामाजिक गणित के हिसाब से तैयार कर रहे हैं।
आपको बता दें कि रोड शो के दौरान.. पीएम मोदी ने लालू यादव की चुटकी ली थी…कहा लालू जी कहां गायब हो गए है…वहीं लालू यादव ने मन ही मन मुस्कुराते हुए नजर आए . ऐसा लगा जैसे वह कह रहो हों अभी खेल बाकी है मेरे दोस्त वहीं चिराग पासवान ने भी चुटकी ली और कहा “स्वास्थ्य का बहाना?” लालू ने हँसते हुए कहा – “अरे बाबू, अब तो दिल में 440 वोल्ट का करंट दौड़ रहा है, दौड़कर दिखाऊँ?” और तेजस्वी? वो तो बस चुपके से मुस्कुरा रहे हैं, क्योंकि पापा ने लालटेन थमाई है, अब बारी है बिहार की कुर्सी पर लाल रंग चढ़ाने की।
हम बात कर रहे हैं दानापुर सड़कों की …जहां सियासी सरगर्मी चरम पर पहुंच गई। जहां राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने पहली बार इस चुनाव में प्रचार की कमान संभाली और दानापुर से राजद उम्मीदवार रीतलाल यादव के समर्थन में एक जोरदार रोड शो किया। जैसा की आप सभी को पता है कि इन दिनों रीतलाल यादव रंगदारी के एक मामले में भागलपुर जेल में बंद हैं और वहीं से चुनावी मैदान में हैं।…जिनके समर्थन में लालू यादव आएं, बता दें कि रोड शो की शुरुआत रामजीचक से हुई और यह नासरीगंज, तकियापर, गोलापर, बस पड़ाव, लोदीपुर, चांदमारी, आनंद बाजार, उसरी और शिवाला जैसे इलाकों से गुजरा। वहीं राजद कार्यकर्ता इस रोड शो से बेहद उत्साहित हैं, और राजनीतिक गलियारों में इसे दानापुर के चुनावी समीकरण बदलने वाली घटना माना जा रहा है। आपको बता दें कि लालू की सक्रियता से पारंपरिक मतदाताओं में जोश आएगा और रीतलाल के लिए सहानुभूति की लहर पैदा हो सकती है।
वहीं दिलचस्प बात यह है कि यह वही लालू यादव हैं, जिनके पोस्टरों से गायब होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तंज कसा था। पीएम मोदी ने सवाल उठाया था कि लालू जी के बिना आरजेडी के पोस्टर अधूरे क्यों हैं? अब यह रोड शो मानो उसी का जवाब है। इससे पहले राबड़ी देवी भी कई इलाकों में प्रचार कर चुकी हैं, जिससे साफ है कि राजद पूरे परिवार और संगठन को मैदान में उतार चुका है। लेकिन केंद्रीय मंत्री और एलजेपी-रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने लालू की उम्र और जमानत का हवाला देकर तंज कसा। उन्होंने कहा, ‘आपने स्वास्थ्य की चिंताओं को जाहिर करते हुए बाहर हैं, ऐसे में परिवार के साथ घूमने जाते हैं, चुनाव प्रचार में जाते हैं, नामांकन में जाते हैं। दूसरों के यहां भोज निमंत्रण में जाते हैं, तो ऐसे में आप ये सारे कार्य कर पा रहे हैं। उनकी उम्र तो जरूर है और दिक्कत होगी, लेकिन जिस विषय को आधार बनाया, वह कानून की धाराओं का दुरुपयोग है। संभवतः अब उनका स्वास्थ्य पहले से बेहतर होगा।’ रोड शो में लालू यादव ने कहा, ‘तेजस्वी यादव इस बार बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे। उन्हें जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है। महागठबंधन एकजुट है और बीजेपी बिहार से साफ हो जाएगी।’
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज कटिहार में चुनावी सभा हुई, जहां उन्होंने कांग्रेस और राजद पर वक़्फ़ कानून को लेकर निशाना साधा। पीएम मोदी बोले, ‘जब भी भाजपा और एनडीए घुसपैठियों को देश से बाहर करने की बात करते हैं, यह (विपक्ष) तुरंत उनके बचाव में खड़े हो जाते हैं।’ दरअसल, पिछले हफ्ते महागठबंधन ने घोषणा पत्र जारी किया था, जिसमें वक़्फ़ संशोधन विधेयक को रोकने और वक़्फ़ संपत्तियों के प्रबंधन को पारदर्शी बनाने की बात कही गई थी। पीएम मोदी ने एक सभा में यह भी कहा था कि ‘आरजेडी ने कांग्रेस की कनपटी पर कट्टा रख कर मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कराया था।’ इस पर तेजस्वी यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा, ‘मुझे नहीं पता कि प्रधानमंत्री को ऐसे शब्द क्यों पसंद हैं। जब वे गुजरात जाते हैं, तो कारखाने लगाने की बात करते हैं, लेकिन बिहार आते हैं तो बंदूकों की बात करते हैं। हमने पहले कभी किसी प्रधानमंत्री की भाषा का इतना गिरा हुआ स्तर नहीं देखा।’ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने भी पीएम पर पलटवार किया और कहा, ‘पीएम मोदी चुनाव जीतने के लिए कुछ भी बोल सकते हैं। कौन-सा कट्टा लगा देते हैं, कट्टा कहां लगाएंगे… इसका मतलब हमने कट्टा लगा दिया और आप चुप रहे, फिर आपका कानून का राज कहां गया? अगर कानून का राज है बिहार में, तो कोई कट्टा लगा पाएगा?
कुल मिलाकर बिहार चुनाव की जंग अब और तेज हो चुकी है। लालू यादव की वापसी से महागठबंधन में नई ऊर्जा आई है, जबकि एनडीए विपक्ष पर हमलावर है।
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