
लखीमपुर खीरी, ईसानगर। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन के तहत ग्राम पंचायत शेखपुरा में बनी पानी की टंकी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। महज तीन माह पूर्व तैयार हुई यह टंकी अचानक फट गई। सौभाग्य से, घटना के समय पंप ऑपरेटर बाहर था और कोई जनहानि नहीं हुई। ग्रामीणों का कहना है कि अक्सर लोग दोपहर में इस टंकी के पास आराम करते थे, अगर हादसा कुछ समय बाद होता तो कई लोगों की जान भी जा सकती थी।
जानकारी के अनुसार, इस टंकी का निर्माण कार्य “पूरी ईमानदारी” से मानक के अनुसार पूरा किया गया बताकर उच्चाधिकारियों और केंद्रीय टीमों द्वारा जांच कर क्लीनचिट दे दी गई थी। लेकिन हकीकत कुछ और ही निकली। टंकी की परतें कुछ ही महीनों में उखड़ने लगीं और निर्माण की पोल खुलती चली गई।
ग्रामीणों ने बताया कि निर्माण के दौरान घटिया सामग्री का जमकर प्रयोग किया गया था, जिसकी अनदेखी अधिकारियों द्वारा कर दी गई। अब जब टंकी फटी, तो जल जीवन मिशन में हुए भारी भ्रष्टाचार का जीता-जागता उदाहरण ग्राम पंचायत शेखपुरा में देखने को मिल रहा है।
ग्रामीणों में आक्रोश
घटना के बाद शेखपुरा के ग्रामीणों में भारी रोष है। लोगों का कहना है कि लाखों-करोड़ों रुपये खर्च कर बनाई गई इस योजना में यदि सही निर्माण कार्य हुआ होता तो आज इस तरह की स्थिति नहीं उत्पन्न होती। गांव वालों ने मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
प्रशासन मौन
घटना की सूचना संबंधित अधिकारियों तक पहुंचने के बावजूद अब तक किसी ठोस कार्रवाई की खबर नहीं है। प्रशासनिक स्तर पर भी लीपापोती के प्रयास शुरू हो गए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर गरीब ग्रामीणों के लिए चलाई जा रही इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ किसे मिल रहा है — जनता को या भ्रष्टाचारियों को?
पृष्ठभूमि में जल जीवन मिशन
जल जीवन मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रमुख परियोजनाओं में से एक है, जिसका उद्देश्य हर ग्रामीण परिवार को शुद्ध जल आपूर्ति सुनिश्चित करना है। लेकिन शेखपुरा जैसी घटनाएं इस महत्वाकांक्षी योजना की जमीनी सच्चाई को उजागर कर रही हैं।
योगेंद्र कुमार अधिशासी अभियंता जल जीवन मिशन ने जानकारी दी गई है टंकी फटी नहीं है ऊपर टैंक की टेस्टिंग चल रही थी जिसमें कुछ कमियां होने पर फट गई है। मौके पर पहुंच रहा हूं, जांच करने पर ही पुष्टि होगी।
फिलहाल बाउंड्री वॉल तथा सोलर पैनल पूर्ण रूप से ध्वस्त हो गया है।