
लखीमपुर: भगवान भोलेनाथ की नगरी छोटी काशी गोला गोकर्णनाथ में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले सावन मेला और चैत्र मेला को राजकीय मेला घोषित किए जाने की मांग अब तेज होती जा रही है। इसी क्रम में अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल (रजि०), जिला इकाई गोला गोकर्णनाथ (खीरी) की ओर से नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष को एक पत्र सौंपा गया।
पत्र में संगठन के जिलाध्यक्ष अरुण अवस्थी ने स्पष्ट किया कि सावन के महीने में लगने वाला मेला धार्मिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। सावन में प्रत्येक दिन 1 से 1.5 लाख श्रद्धालु, और खासकर सोमवार के दिन 5 से 6 लाख श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के दर्शन हेतु गोला आते हैं। उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों से भी शिवभक्त यहां जलाभिषेक के लिए गंगाजल लेकर आते हैं।
इसी प्रकार चैत्र मास में लगने वाला पारंपरिक चैती मेला भी हजारों श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों के लिए आकर्षण का केंद्र होता है। इस मेले में सांस्कृतिक मंचों पर भव्य एवं मनोहारी कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें भाग लेने के लिए भीड़ उमड़ पड़ती है।
व्यापार मण्डल ने अपने पत्रक में उल्लेख किया है कि यदि इन दोनों मेलों को राजकीय मेला का दर्जा दे दिया जाए, तो इससे नगर के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने में मदद मिलेगी और नगरवासियों को भी मेले के दौरान होने वाली असुविधाओं से राहत मिलेगी। इस संबंध में संगठन ने नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष से अनुरोध किया है कि वे इस मांग को उत्तर प्रदेश सरकार तक पहुंचाएं ताकि इन दोनों ऐतिहासिक मेलों को जल्द से जल्द राजकीय मान्यता मिल सके।
जिलाध्यक्ष अरुण अवस्थी ने कहा, “यह केवल धार्मिक और सांस्कृतिक मांग नहीं, बल्कि नगर की समृद्धि और पहचान से जुड़ा मुद्दा है। व्यापारी समुदाय एकजुट होकर इस प्रयास में पूरी सक्रियता से लगा है।”
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