
- महंगी लागत, भुगतान में देरी और कमजोर प्रजातियों से परेशान किसान
Gola Gokarnanath, Lakhimpur : उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गन्ने के समर्थन मूल्य में मात्र ₹30 प्रति कुंतल की वृद्धि की घोषणा के बाद गन्ना किसानों में निराशा की लहर है।
किसानों को उम्मीद थी कि इस बार हरियाणा की तुलना में उत्तर प्रदेश सरकार कुछ अधिक दाम तय करेगी, लेकिन घोषित मूल्य ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के जिला अध्यक्ष अंजनी कुमार दीक्षित ने कहा कि यह बढ़ोतरी किसानों को राहत नहीं दे पा रही है।
उन्होंने कहा, “महंगी लागत, डीजल, खाद, मजदूरी और कीटनाशकों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि ने खेती को घाटे का सौदा बना दिया है। किसान उम्मीद लगाए बैठे थे कि योगी सरकार कम से कम ₹50 से ₹60 प्रति कुंतल की बढ़ोतरी करेगी, पर ₹30 की घोषणा ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुई है।”
दीक्षित ने यह भी कहा कि बजाज ग्रुप की चीनी मिलों से समय पर भुगतान न होना और उच्च उत्पादकता देने वाली नई प्रजातियों का अभाव किसानों को हताश कर रहा है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द ही किसानों की लागत और भुगतान संबंधी समस्या पर ठोस कदम नहीं उठाए, तो किसान संगठन बड़े आंदोलन की राह पकड़ने को मजबूर होंगे।










