लखीमपुर खीरी। तहसील मितौली के ग्राम पंचायत कानाखेड़ा में स्थित प्राचीन शिव मंदिर बाबा पारस नाथ पर राम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में सात दिवसीय श्री रामकथा का आयोजन मंदिर के सरवरा कार छोटकऊ गिरी के द्वारा कराया जा रहा है जिसमे तंबौर से पधारे रामकथा प्रवक्ता पंडित मिथलेश शुक्ला ( बबलू महाराज ) के द्वारा रामकथा के चतुर्थ दिवस में श्रीराम विवाह की कथा सुनाई और श्रोताओं को बताया की एक बार जब मां सीता पूजा स्थान को साफ कर रही थी तब उन्होंने शिव का दिया हुआ धनुष को उठा लिया यह सब मिथिला के राजा जनक ने ये देख लिया और और प्रतिज्ञा की मैं अपनी बेटी का विवाह उसी से करूंगा जो इस धनुष को भंग करेगा।
राजा जनक ने स्वयंवर का एलान कर सभी देश विदेश के राजाओं को भी आमंत्रित किया और ऋषि विश्वामित्र को भी निमंत्रण भेजा। विश्वामित्र ने अपने साथ राम लक्ष्मण को भी सीता स्वयंवर में ले गए। स्वयंवर में आए राजाओं में इतनी हिम्मत नही हुई की उस धनुष को हिला भी सके ये सब देख कर राजा जनक दुखी हो गए और कहा शायद प्रतिज्ञा पूरी नहीं होगी। धरती वीरों से खाली हो गई है। राजा जनक को दुखी देखकर विश्वामित्र ने श्रीराम जी को आज्ञा दी तब प्रभु श्रीराम ने धनुष को भंग कर माता जानकी के साथ विवाह किया। कथा को सुनकर श्रोता मंत्र मुग्ध हो गए। इस कार्यक्रम के व्यवस्थापक राधेश्याम गिरी, यजमान सियाराम गिरी कार्यकारी,नप्रबंधक कैलाश गिरी मौजूद रहे।