
- संघर्ष, समर्पण और संकल्प से गढ़ी गई सफलता की मिसाल, युवा बना जिले की पहचान का प्रतीक”
लखीमपुर खीरी। कुछ कहानियाँ सिर्फ सफलता की नहीं होतीं, वे प्रेरणा बन जाती हैं। ऐसी ही कहानी है शिखर प्रताप सिंह की, जिन्होंने UPSC द्वारा आयोजित CAPF (Assistant Commandant) परीक्षा 2024 में ऑल इंडिया रैंक 115 हासिल कर न सिर्फ अपने जिले लखीमपुर खीरी, बल्कि प्रदेश और देश को गौरवांवित किया है।
गौरतलब है कि शिखर उसी गौरवशाली परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जिसके सगे चचेरे भाई मेजर अभिषेक सिंह को अद्वितीय वीरता के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया जा चुका है।
भाई के पदचिन्हों पर चलकर, शिखर ने भी राष्ट्रसेवा की राह चुनी है, और इस कठिन परीक्षा को पास कर यह सिद्ध कर दिया कि रक्त में जब देशभक्ति हो, तो लक्ष्य तक पहुँचना केवल समय की बात होती है।
शिखर लखीमपुर खीरी में रहते हैं
शिखर, मोहल्ला शिव कॉलोनी, लखीमपुर खीरी के निवासी हैं। वे एक प्रतिष्ठित, शिक्षित और देशभक्त परिवार से आते हैं। उनके पिता अजीत सिंह और माता मधुरीमा सिंह ने सदैव उन्हें जीवन में अनुशासन और मूल्यों की शिक्षा दी। उनके चाचा अजय प्रताप सिंह, लखीमपुर के सुप्रसिद्ध व्यवसाय “न्यू फैमिली बाज़ार” का संचालन करते हैं। इस सुदृढ़ पारिवारिक आधार ने शिखर को सामाजिक जिम्मेदारियों और राष्ट्रीय सेवा के प्रति हमेशा जागरूक बनाए रखा।
शिक्षा और संकल्प की यात्रा
शिखर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लखनऊ पब्लिक स्कूल, लखीमपुर खीरी से प्राप्त की, जहाँ उन्होंने 10वीं व 12वीं कक्षा में 95% अंक अर्जित कर उत्कृष्टता का परिचय दिया। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित हंसराज कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इस दौरान उन्होंने न केवल अकादमिक क्षेत्र में, बल्कि व्यक्तित्व निर्माण में भी खुद को निखारा।
दूसरा प्रयास, लेकिन आत्मविश्वास अडिग
UPSC CAPF परीक्षा को शिखर ने दूसरे प्रयास में सफलतापूर्वक पास किया। पहले प्रयास में असफलता मिलने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। आत्मचिंतन किया, रणनीति बदली और दृढ़ निश्चय के साथ फिर से मैदान में उतरे। परिणामस्वरूप, सफलता ने उनका स्वागत किया और वे देश की एक सबसे प्रतिष्ठित सुरक्षा सेवा के लिए चयनित हुए।
IB परीक्षा में भी पाई थी सफलता
इससे पूर्व शिखर ने गृह मंत्रालय के अंतर्गत इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की परीक्षा में भी सफलता प्राप्त की थी। यह इस बात का प्रमाण है कि वे केवल एक परीक्षा तक सीमित नहीं, बल्कि बहुआयामी प्रतिभा के धनी हैं।
भाई से प्रेरणा, देशसेवा का जुनून
शिखर को देशसेवा की प्रेरणा अपने सगे चचेरे भाई, शौर्य चक्र विजेता मेजर अभिषेक सिंह से मिली, जिन्होंने अपने पराक्रम से भारतवर्ष को गौरवान्वित किया। शिखर ने भी उसी परंपरा को आगे बढ़ाया और अब CAPF के माध्यम से देश की आंतरिक सुरक्षा में योगदान देने जा रहे हैं।
यह कहानी सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि उस विचार की है कि राष्ट्र सर्वोपरि है।
युवाओं के लिए आदर्श
आज शिखर उन युवाओं के लिए एक आदर्श हैं जो सीमित संसाधनों और छोटे शहरों से होते हुए भी बड़े सपने देखते हैं। उनका संदेश साफ है “अगर नीयत सच्ची हो और प्रयास निरंतर, तो कोई भी ऊँचाई दूर नहीं रहती।”