
Lakhimpur, गोला गोकर्णनाथ : सीएचसी गोला में एक प्रसव पीड़िता को लेकर भारी लापरवाही का मामला प्रकाश में आया है। आरोप है कि महिला चिकित्सक और स्टाफ की मिलीभगत से प्रसूता को जबरन निजी अस्पताल भेजने का दबाव बनाया गया और परिजनों के सवाल पूछने पर उनके साथ अभद्रता की गई।
मामला मोहल्ला भूतनाथ निवासी मुकेश की पत्नी रंजना का है, जिन्हें शनिवार सुबह 11 बजे प्रसव पीड़ा होने पर सीएचसी गोला में भर्ती कराया गया था। परिजनों का आरोप है कि महिला चिकित्सक और नाइट शिफ्ट में तैनात स्टाफ दिनभर यह आश्वासन देते रहे कि सामान्य डिलीवरी ही होगी और घबराने की जरूरत नहीं है।
आधी रात को अचानक दिया ‘शिफ्टिंग’ का फरमान
परिजनों के मुताबिक, रात करीब 12:30 बजे अचानक डॉक्टरों ने कह दिया कि मरीज को यहां से कहीं और ले जाना होगा। जब परिजनों ने दिनभर दिए गए आश्वासनों की बात उठाई तो डॉक्टर ने न केवल नाराजगी जताई बल्कि कथित तौर पर पुलिस बुलाने की धमकी भी दी।
निजी अस्पतालों से सांठगांठ का आरोप
गरीब किसान मजदूर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण कुमार यादव ने सीएचसी स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह मामला केवल लापरवाही का नहीं, बल्कि एक सुनियोजित साजिश का है। “सीएचसी स्टाफ वेतन लेने के बावजूद मरीजों को निजी अस्पतालों में रेफर कर रहा है, ताकि वहां का फायदा हो। इस तरह गरीबों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है,” यादव का कहना है कि रंजना के परिजनों ने सूझबूझ दिखाते हुए मरीज को सनम हॉस्पिटल, मितौली में भर्ती कराया, जहां रात करीब 3:30 बजे सामान्य प्रसव से दो बच्चों का सुरक्षित जन्म हुआ।
संपूर्ण समाधान दिवस में उठेगा मामला
संगठन ने इस मुद्दे को आज संपूर्ण समाधान दिवस में अधिकारियों के समक्ष उठाने की बात कही है। संगठन की मांग है कि दोषी स्टाफ और डॉक्टरों पर सख्त विभागीय कार्रवाई की जाए। यदि प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की तो पार्टी बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दे रही है।
ये भी पढ़ें: Jalaun : टोल पर बाल-बाल बची टाटा सफारी, अचानक लगी आग
अखिलेश यादव पर भाजपा का पलटवार, सपा राज में लालबत्ती की गाड़ियों में घूमते थे माफिया