
- गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष सावधानियां
Gola Gokarnath, Lakhimpur : भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा पर कल से पितृपक्ष आरंभ हो रहा है। इसी के साथ रात में खग्रास चंद्र ग्रहण भी लगेगा। श्रीमती चंद्रकला आश्रम, देवकली तीर्थ के महंत प्रमोद जी महाराज ने बताया कि ग्रहण का स्पर्श रात 9:57 बजे, मध्य 11:41 बजे और मोक्ष 1:27 बजे होगा। यह ग्रहण कुंभ राशि व शतभिषा नक्षत्र में रहेगा। सूतक व धार्मिक नियम ग्रहण से 9 घंटे पहले, दोपहर 12:57 बजे सूतक प्रारंभ हो जाएगा। इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे। ग्रहण काल में स्नान, भोजन, यात्रा, मैथुन, पूजा-पाठ और मूर्ति स्पर्श वर्जित रहेगा। ग्रहण मोक्ष के बाद मंदिरों की शुद्धि कर आरती और प्रसाद वितरण होगा। ग्रहण से पहले व मोक्ष के बाद स्नान करना उत्तम। दूध, दही, घी आदि में तुलसी पत्र या कुशा डालें। ग्रहण काल में जप, दान, मंत्रसाधना व पितृकर्म अत्यंत शुभ फलदायक। इस समय भोजन, नींद व अनावश्यक गतिविधियां न करें।
महिलाओं को इस दौरान विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। की पेट पर गोबर का पतला लेप लगाने की परंपरा अभी भी मानी जाती है। कैंची, चाकू या अन्य धारदार वस्तुओं का प्रयोग वर्जित। सिलाई, कढ़ाई, बाल काटना, कोई भी परिश्रम न करें। तेज रोशनी से बचें व घर के भीतर रहें। शांत मन से मंत्र जाप करें। महंत प्रमोद जी ने बताया कि ग्रहण काल में किया गया श्राद्ध, दान व जप पितरों को तृप्त कर विशेष पुण्य प्रदान करता है।