लखीमपुर: एपीओ मनरेगा की गिरफ्तारी के बाद मनरेगा संगठन ने किया विरोध प्रदर्शन

  • यूपी मनरेगा कार्मिक कल्याण संगठन ने सीएम को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा

लखीमपुर खीरी। कुंभी ब्लॉक में पहुंची एंटी करप्शन टीम द्वारा एपीओ मनरेगा मधुर गुप्ता को गिरफ्तार करने के मामले में अब मनरेगा संगठन के द्वारा विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। बता दे एंटी करप्शन टीम ने एपीओ मनरेगा मधुर गुप्ता को घूस के ₹50,000 के साथ गिरफ्तार कर फरधान थाने ले गई थी।
दरअसल गोला कुंभी ब्लाक में तैनात उक्त अधिकारी छतौनिया में शासन की मंशा के अनुरुप मिनी स्टेडियम का कार्य कराया जा रहा था।

आरोप है कि शासन से मिली धनराशि हडपने के प्रयास में मनरेगा अधिकारी मधुर गुप्ता ने ग्राम प्रधान से रिश्वत की मांग की थी जिस पर ग्राम प्रधान रिंकी देवी के पति विपिन वर्मा से पचास हजार रुपये मांगने का आरोप लगाते हुए एंटी करप्शन लखनऊ मंडल की टीम से शिकायत की जिसके अधार पर शनिवार को टीम ने उन्हे रिश्वत लेते धर दबोचा। इसके बाद टीम उन्हे पूछताछ व अग्रिम कार्रवाई के लिए फरधान थाने ले गई है। मामले की जानकारी आग की तरह फैल गई और एपीओ मनरेगा के पक्ष की तरफ से मनरेगा संगठन के कई सदस्य व पदाधिकारी शनिवार की देर शाम फरधान में थाने पहुंचना शुरू हो गए थे।

सीएम को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा –

रविवार को उत्तर प्रदेश मनरेगा कार्मिक कल्याण संगठन के सदस्य व पदाधिकारी लखीमपुर खीरी के विरोधी हाल में सुबह से विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिला अधिकारी को सौपा। ज्ञापन के माध्यम से मांग की कि ए.पी.ओ. मधुर गुप्ता को ‘एण्टी करप्शन टीम द्वारा कम्प्यूटर आपरेटर के निवास स्थान से गलत तरीके से जबरन गिरफ्तार किया गया था।

बरामद रूपयों को न तो ए.पी.ओ. मधुर गुप्ता के हाथों और न ही उनके पास से बरामद किया गया और बरामद रुपए न तो मधुर गुप्ता द्वारा स्वीकार्य किये गए। गिरफ्तार कर पुलिस हिरासत में लिये जाने के उपरांत उसके हाथों को सोडियम कार्बोनेट केमिकल से थाने में धुलवाया गया है जो विधिनुसार नहीं है। गिरफ्तारी एवं जांच की संपूर्ण प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का कोई भी व्यवधान डाला जाना उल्लिखित नहीं किया गया जिस संभावित कारण के आधार पर उनके हाथों को उसके पास से कथित रिश्वत राशि के रूपये बरामद किये जाने के उपरांत उसके हाथों को उसी स्थान पर ही धुलवाया जाना संभव न रहा हो।

साथ ही उनकी तलाशी ‘बीएनएसएस के सुसंगत प्राविधानों के अनुसार न लिये जाने के कारण भी उक्त कथित बरामदगी विधिक रूप से शून्य” है प्रकरण में रिश्वत राशि की बरामदगी किया जाना दिखाई जाने वाली पुलिस टीम की स्वयं की “जामा तलाशी” की प्रक्रिया भी विधिपूर्ण नहीं है।

गिरफ्तारी के स्थान पर बड़ी संख्या में जनसामान्य की उपस्थिति, वायरल वीडियो से ही पूर्णरूपेण प्रमाणित होने के उपरांत कथित रिश्वत राशि की कथित बरामदगी के समय और बरामदगी टीम सदस्यों की उक्त कथित तलाशी के समय किसी भी वास्तविक निष्पक्ष गवाह की मौजूदगी न रहने तथा प्रत्येक प्रकार से, सुविधापूर्वक संभव होने के उपरांत भी बरामदगी टीम द्वारा किसी मजिस्ट्रेट की उपस्थिति को भी सुनिश्चित नहीं किये जाने के कारण उक्त संपूर्ण गिरफ्तारी की प्रक्रिया ही दोषपूर्ण है।

मधुर गुप्ता को व्यापक न्यायहित में निजी मुचलके पर रिहा किये जाने के लिये सभी संबंधित अधिकारीगण द्वारा अपने-अपने स्तर से आदेश पारित कर उनकी तत्काल रिहाई को सुनिश्चित कराया जाना प्रत्येक प्रकार से अत्यावश्यक है।

आरोप है कि केवल एक ग्राम प्रधान से निजी रंजिश के चलते उनके द्वारा षडयंत्रपूर्वक, योजना बनाकर रची गई साजिश के अन्तर्गत गिरफ्तार किये गये ए.पी.ओ., मनरेगा मधुर गुप्ता को उनके फरार होने की किसी भी प्रकार की कोई भी संभावना न होने के आलोक में निजी मुचलके पर तत्काल रिहा कराया जाए जिससे पीडित को वास्तविक न्याय मिल सके।

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