
लखीमपुर खीरी। जनपद के मोहम्मदी तहसील क्षेत्र अंतर्गत उचौलिया कस्बे और इसके आसपास के गांवों में इन दिनों कृषि योग्य भूमि पर तेजी से अवैध प्लाटिंग का कारोबार फल-फूल रहा है। भू माफिया और ज़मीन कारोबारी राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से न केवल कृषि भूमि को अवैध तरीके से कॉलोनियों में तब्दील कर रहे हैं, बल्कि सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान भी पहुँचा रहे हैं।
बिना धारा 80 के हो रही बिक्री
मौजूदा नियमों के अनुसार, किसी भी कृषि योग्य भूमि को गैर-कृषि कार्यों के लिए प्रयोग में लाने से पहले उसे धारा 80 के अंतर्गत अकृषक घोषित कराना अनिवार्य है। इसके बाद ही ज़िला पंचायत से प्लाटिंग की विधिवत अनुमति लेकर नक्शा पास कराया जा सकता है। मगर उचौलिया और आसपास के क्षेत्रों में यह पूरा नियम-कानून ताक पर रख दिया गया है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, भू माफिया किसानों को लालच देकर उनसे जमीन का अग्रिम भुगतान कर लेते हैं और फिर बिना किसी कानूनी अनुमति के उस पर प्लाटिंग कर बेच देते हैं। खरीदारों को इस बात की जानकारी तक नहीं दी जाती कि यह भूमि अभी भी कृषि योग्य श्रेणी में आती है। रजिस्ट्री के दौरान भी ज़मीन के उपयोग की स्थिति छिपा ली जाती है।
सरकारी ज़मीन पर भी हो रही प्लाटिंग
चौंकाने वाली बात यह है कि निजी खेतों के साथ-साथ कुछ स्थानों पर सरकारी भूमि को भी प्लाटिंग में शामिल कर लिया गया है। सड़क किनारे से लेकर गांवों के बाहर तक, जहाँ एक साल पहले गेहूं और धान की फसलें लहलहाती थीं, वहाँ अब छोटे-छोटे प्लॉट नजर आ रहे हैं। इन पर ईंट की सीमाएं खींची जा चुकी हैं और कई स्थानों पर मकानों का निर्माण कार्य भी प्रारंभ हो चुका है।
जिम्मेदार बना रहे हैं अनजान
पूरे मामले में सबसे हैरानी की बात यह है कि जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं। राजस्व विभाग के अधीन आने वाले लेखपाल, कानूनगो और तहसील स्तर के अधिकारी इस अवैध गतिविधि से भलीभांति परिचित हैं, फिर भी कोई कठोर कार्रवाई अब तक नहीं की गई है।
हालांकि, इस संबंध में जब उचौलिया क्षेत्र के लेखपाल अखिलेश पुष्कर से बात की गई, तो उन्होंने जानकारी दी कि उचौलिया कस्बे में फिलहाल केवल कंचन सिटी, सज्जन सिटी और जावेद के द्वारा की जा रही प्लाटिंग की ही धारा 80 स्वीकृत हुई है। अन्य किसी प्लाटिंग को अब तक धारा 80 के अंतर्गत अनुमति नहीं मिली है। इस तरह की अवैध गतिविधियों पर शीघ्र ही कठोर कार्रवाई की जाएगी।
बढ़ रहा है ग्रामीण क्षेत्रों का शहरीकरण
तेजी से हो रही अवैध प्लाटिंग से गांवों की शक्ल बदलती जा रही है। उचौलिया सहित मोहम्मदी क्षेत्र में अब खेतों की जगह मकानों की कतारें उग आई हैं। इन प्लाटिंग्स के चलते गांवों का शहरीकरण बेतरतीब ढंग से हो रहा है, जिससे न केवल पर्यावरणीय असंतुलन की आशंका बढ़ रही है, बल्कि भविष्य में बुनियादी सुविधाओं की कमी भी सामने आ सकती है।
शासन-प्रशासन से कार्रवाई की मांग
स्थानीय ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने इस अवैध प्लाटिंग के विरुद्ध कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने ज़िला प्रशासन से मांग की है कि इन अवैध कॉलोनियों की जांच कर संबंधित भू-माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही खरीदारों को भी उचित जानकारी दी जाए कि वह किसी विवादित भूमि में न फंसें।
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