
लखीमपुर खीरी। पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश के चलते बनबसा बैराज से शारदा नदी में छोड़े गए पानी ने तराई क्षेत्र में कहर बरपा दिया है। नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे कई गांव जलमग्न हो गए हैं और जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
ब्लॉक बिजुआ क्षेत्र की ग्राम पंचायत करसौर, बेचे पुरवा समेत कई गांवों के चारों ओर बाढ़ का पानी भर गया है। सड़कों पर पानी बह रहा है, जिससे आवागमन ठप हो गया है। गांवों में कई घरों में पानी घुस चुका है। करसौर गांव में परस राम पुत्र बनवारी, ओमप्रकाश पुत्र राजाराम, बब्लू पुत्र श्रीकृष्ण और मुकेश पुत्र शत्रोहन लाल के घर पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के मौसम में उन्हें हर साल भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जैसे ही नदी का जलस्तर बढ़ता है, गांव टापू बन जाते हैं। जिनके घर पक्के हैं वे छतों पर शरण लेते हैं, जबकि बाकी लोग ट्रालियों पर पन्नी तानकर सड़कों किनारे ऊंची जगहों पर डेरा डालने को मजबूर हैं।
स्थिति और भयावह तब बन गई जब रमेश्वरापुर के पास शारदा नदी का बांध टूट गया। रविवार शाम को बांध पहली बार टूटा, जिसे प्रशासन ने अस्थाई रूप से ठीक किया, लेकिन सोमवार को एक बार फिर बांध टूटने से बाढ़ जैसे हालात बन गए। नदी का पानी तेजी से रमेश्वरापुर, रेनागंज बाजार और दम्बल टांडा की ओर बढ़ गया है।
स्थानीय किसानों की सैकड़ों एकड़ खड़ी फसलें जलमग्न हो चुकी हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि यदि प्रशासन समय रहते बांध की मरम्मत करवा देता, तो यह स्थिति न बनती। गांव के लोग दहशत में हैं और प्रशासन से राहत व बचाव कार्यों में तेजी लाने की मांग कर रहे हैं।
अब तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस राहत कार्य शुरू नहीं किया गया है। न तो नावों की व्यवस्था है, न ही कोई स्वास्थ्य शिविर। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बिजली और पेयजल की भी भारी किल्लत है।
ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि जलस्तर नियंत्रित करने के लिए त्वरित कार्रवाई की जाए और प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाकर राहत सामग्री मुहैया कराई जाए।