बिजुआ खीरी। विकासखंड बिजुआ क्षेत्र की ग्राम पंचायत शाहपुर में ग्रामीण ईश्वर राजपूत की शिकायत पर इंटरलॉकिंग,स्कूल में टाइल्स, इंडियामार्का हैंडपंप रिबोर आदि लगभग बीस बिंदुओं पर अस्सी लाख से अधिक रुपये के घोटाले में पंचायत सचिव के साथ ग्राम प्रधान पर कार्रवाई शुरू हो गई है। पंचायत सचिव व ग्राम प्रधान को नोटिस जारी करने के बाद अब डीएम ने प्रधान से जवाब मांगा है। जवाब न देने या साक्ष्य उपलब्ध न होने पर प्रधान पर एफआईआर कराई जाएगी।
विकासखंड बिजुआ की ग्राम पंचायत शाहपुर के ग्रामीण ईश्वर राजपूत ने ग्राम प्रधान द्वारा सरकारी धनराशि के गबन की शिकायत जिलाधिकारी लखीमपुर से की थी। कुछ समय तक जांच न होने पर गांव निवासी शिकायतकर्ता ईश्वर राजपूत ने न्यायालय में सरकारी धनराशि गबन की शिकायत की। न्यायालय ने ईश्वर राजपूत की याचिका पर मामले को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी को जांच के आदेश दिए। जांच में देरी होने पर बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी व एडीआरडीए खीरी को जांच सौंप गई।
शनिवार को घोटाला मामले में अधिकारी गांव में जांच करने के लिए पहुंचे। यहां उन्होंने गांव में विकास कार्यों को देखने के साथ ही खातों के स्टेटमेंट भी देखे। जांच में सामने आया कि प्रधान और सचिव ने ग्राम पंचायत में लाखों का घोटाला किया है। शनिवार को बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी ने ग्राम प्रधान को पंचायती राज अधिनियम के तहत जवाब मांगा है। इसमें प्रधान को अपनी सफाई साक्ष्य सहित प्रस्तुत करनी होगी।
ऐसा न करने पर प्रधान के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करा दी जाएगी। प्रधान से जवाब मांगे जाने पर ग्राम पंचायत में खलबली मच गई है। क्योंकि प्रशासन घोटाला करने वाले ग्राम प्रधानों को जवाब न दे पाने पर अपने पर अधिकार सीज कर दिए जाते हैं। शिकायतकर्ता के उपस्थित न होने के चलते अधिकारी शिकायतकर्ता के घर जाकर उससे बातचीत की उसके बाद शिकायतकर्ता को शिकायत में दिए गए बिंदुवार शिकायतों के सभी साक्ष्य प्रस्तुत करने की बात कही जिसमें शिकायतकर्ता से साक्ष्य के साथ एक नियत तिथि पर जांच में सहयोग करने के लिए निर्देशित किया।
जब शिकायतकर्ता ईश्वर राजपूत से पंचायत भवन पर न जाने का कारण पत्रकारों द्वारा पूछा गया। ईश्वर राजपूत ने बताया इससे पहले एक बार जांच में मुझे पंचायत भवन पर बुलाया गया और प्रधान व अन्य लोगों ने वहां पर रखे दस्तावेज फाड़ दिए और हम पर फर्जी मुकदमा लिखवा दिया था इसलिए हम पंचायत भवन पर नहीं गए जिसे जो भी बात करनी है जो भी साक्ष्य लेने हैं वह हमारे घर पर आए हम उसे सारे साक्ष्य देंगे।