85 वर्षीय वृद्ध महिला के घर नहीं है कोई कमाने वाला
सूचना पर पहुंचे चौकी इंचार्ज हनुमंत लाल तिवारी ने खाद्य सामग्री के साथ अन्य घरेलू चीजें कराई उपलब्ध
मझगई चौकी इंचार्ज ने एक वृद्ध महिला के घर पहुंच खाद्य सामग्री सहित अन्य घरेलू सामान उपलब्ध कराते हुए बेटे का फर्ज अदा किया
पलियाकलां-खीरी। अपराधों पर लगाम लगाने के साथ मझगई पुलिस का एक मानवीय चेहरा लगातार देखने को मिल रहा है। चौकी इंचार्ज हनुमंत लाल तिवारी बखूबी अपनी ड्यूटी को तो अंजाम देते ही हैं साथ ही क्षेत्र के गरीब और बेसहारा लोगों का सहारा बन चुके हैं। 85 वर्षीय एक वृद्ध महिला के घर में कोई कमाऊ सदस्य ना होने के चलते भूखे पेट सोने पर विवश वृद्ध महिला की सूचना पर पहुंचे चौकी इंचार्ज हनुमंत लाल तिवारी ने बेटे का फर्ज अदा करते हुए महिला को राशन सहित अन्य घरेलू सामान उपलब्ध कराया। एक पुलिस वाले के द्वारा किए गए इस कार्य को देख महिला के आंखों में आंसू छलक उठे और वृद्ध महिला ने दुआओं से खाकी का दामन भर दिया।
पलिया कोतवाली क्षेत्र की मझगई चौकी में तैनात चौकी इंचार्ज हनुमंत लाल तिवारी बेहतर पुलिसिंग के साथ चौकी क्षेत्र के गरीब निर्धन और बेसहारा लोगों की लगातार मदद करते रहते हैं। गरीब बच्चों को शिक्षा देना या यतीमों को सहारा देना हो या फिर किसी गरीब बिटिया का भाई बन कर उसकी डोली उठाना। इंसानियत के इन सभी कार्यों को वह बखूबी अंजाम दे रहे हैं। इसी क्रम में मझगई चौकी इंचार्ज हनुमंत लाल तिवारी को पता चला कि चौकी क्षेत्र के गांव लोकनपुरवा निवासी सुनीता देवी पत्नी मंधई लाल बहुत ही गरीब परिवार से हैं। महिला के घर कोई भी कमाने वाला सदस्य नहीं है। साथ ही महिला की आंखों की रोशनी भी खासा कमजोर हो चुकी है। कमाऊ सदस्य के घर में ना होने के चलते महिला को कभी कभी खाली पेट भी सोना पड़ता है।
यह जानकारी जैसे ही मझगई चौकी इंचार्ज हनुमंत लाल तिवारी को मिली तो वह सुनीता देवी(85) पत्नी मधई लाल के घर राशन सामग्री सहित अन्य घरेलू सामान लेकर जा पहुंचे और उन्हें सौंपा। पुलिस वाले के द्वारा एक बेटे का फर्ज निभाने वाले चौकी इंचार्ज के इस कार्य को देख महिला की आंखें नम हो गई और उसने खाकी पहने बेटे को लाखों दुआएं दे डाली। बता दें कि चौकी इंचार्ज हनुमंत लाल तिवारी लगातार अपनी चौकी क्षेत्र के गरीब यतीम बेसहारा और निर्धन लोगों की मदद करते रहते हैं। इतना ही नहीं बिन मां बाप की कई बेटियों की डोली को वह भाई बनकर उठा चुके हैं।