Lakhimpur Kheri : राज्य कर विभाग की कार्रवाई, फर्जी GST फर्म का पर्दाफाश

Lakhimpur Kheri : राज्य कर विभाग की बड़ी कार्रवाई में एक फर्जी जीएसटी फर्म के जरिए टैक्स चोरी का मामला उजागर हुआ है। जांच में सामने आया कि सीतापुर जिले के बिसवां क्षेत्र के निवासी राजू पुत्र मोलई ने M/S Kumar Enterprises नामक फर्म बनाकर ₹811.30 लाख की फर्जी आपूर्ति दिखाई और सरकार को ₹138.07 लाख का राजस्व नुकसान पहुंचाया। इस मामले में राज्य कर अधिकारी की तहरीर पर थाना कोतवाली सदर, लखीमपुर खीरी में मुकदमा दर्ज किया गया है।

फर्जी दस्तावेजों से कराया जीएसटी पंजीकरण

राज्य कर अधिकारी संजय शर्मा के अनुसार, आरोपी ने फोटो, किरायनामा और बिजली बिल की जाली प्रतियां अपलोड कर, विभागीय पोर्टल पर 29 दिसंबर 2023 को अपनी फर्म M/S Kumar Enterprises (GSTN–09GQLPR1118FIZN) का पंजीकरण कराया। फर्म का पता छौंछ खेरी, लखीमपुर खीरी दर्ज किया गया था, जबकि आरोपी का वास्तविक पता चमरान पुरवा, खनपुर, बिसवां, सीतापुर निकला।

मौके की जांच में फर्म निकली बोगस

कर अधिकारी की टीम ने 19 अगस्त 2025 को मौके पर जाकर पते की जांच की, तो वहां किसी भी तरह की व्यावसायिक गतिविधि नहीं मिली। आस-पास के लोगों से पूछताछ में भी किसी को “Kumar Enterprises” नाम की किसी फर्म की जानकारी नहीं थी। जांच रिपोर्ट में फर्म को अस्तित्वहीन और फर्जी घोषित किया गया।

फर्जी आपूर्ति दिखाकर उठाया टैक्स लाभ

विभागीय जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी ने अपनी फर्म के माध्यम से ₹811.30 लाख की फर्जी बिक्री दर्शाते हुए इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का गलत लाभ उठाया। इस तरीके से सरकार को ₹138.07 लाख का नुकसान हुआ।

अधिकारियों का कहना है कि आरोपी ने कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल कर टैक्स चोरी की योजना बनाई और सिस्टम का दुरुपयोग किया। राज्य कर विभाग की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आर्थिक अपराध, धोखाधड़ी और दस्तावेजी कूटरचना से संबंधित गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है। मामले की जांच की जिम्मेदारी अवर निरीक्षक विकास कुमार को सौंपी गई है।

विभाग ने आरोपी की फर्म का जीएसटी पंजीकरण 20 अगस्त 2025 को निरस्त करने की संस्तुति की है। जांच के दौरान आरोपी द्वारा अपलोड किए गए फोटो, किरायनामा, बिजली बिल और आधार प्रमाणपत्र की प्रतियां पुलिस को साक्ष्य के रूप में सौंप दी गई हैं। विभाग का कहना है कि यह फर्म केवल कागजों पर बनाई गई एक फर्जी इकाई थी, जिसका वास्तविक अस्तित्व कभी नहीं रहा।

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