
- जीरो टॉलरेंस की नीति पर ही होगा गोला कॉरिडोर का काम
- निर्माण सामग्री के नमूने लेने के बाद गोकर्ण तीर्थ में रुका निर्माण कार्य
लखीमपुर खीरी। मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना ‘शिव मंदिर कॉरिडोर’ के निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच के चलते गोकर्ण तीर्थ का निर्माण कार्य दूसरे दिन भी रोक दिया गया। शासन द्वारा गठित टीम ने निर्माण सामग्री के नमूने लिए हैं, जिसके बाद कार्य की गुणवत्ता पर उठ रहे सवालों ने निर्माण प्रक्रिया को ठप कर दिया है।
बता दें कि चार दिन पहले विधायक अमन गिरि और विभिन्न हिंदू संगठनों ने गोकर्ण तीर्थ के निर्माण में गुणवत्ता में धांधली के आरोप लगाए थे, जिसके बाद मामला शासन तक पहुंचा। बुधवार को प्रमुख सचिव के निर्देश पर गठित टीम में डिप्टी डायरेक्टर डॉ. कल्याण सिंह, टीएन सिंह और एसपी मिश्रा शामिल थे। उन्होंने पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता तरुणेंद्र त्रिपाठी और कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल के प्रोग्राम मैनेजर संकल्प वर्मा के साथ मिलकर निर्माणाधीन गोकर्ण तीर्थ और कॉरिडोर का निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों ने मौरंग, सरिया, ईंट और कंक्रीट के मसाले के नमूने लिए।
गुरुवार को गोकर्ण तीर्थ का निर्माण कार्य जारी नहीं रहा, जिससे निर्माण का कार्य कर रही कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। चर्चा है कि यदि निर्माण की गुणवत्ता में कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो कार्यदायी संस्था और ठेकेदार समेत कई लोगों पर कार्रवाई हो सकती है।
निर्माण कार्य कर रही रीना कंस्ट्रक्शन के इंजीनियर प्रिंस द्विवेदी ने बताया कि यूपीपीसीएल से आदेश मिलने तक कार्य बंद रहेगा। विधायक अमन गिरि ने कहा कि शासन जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहा है। यह कॉरिडोर लोगों के विश्वास से जुड़ी एक अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना है और इसके गुणवत्ता में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं होगा। रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी, और यदि गड़बड़ी उजागर हुई, तो संबंधित संस्था, अधिकारी, कर्मचारी और ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।