
Lakhimpur Kheri : मैगलगंज क्षेत्र अब फर्जी अस्पतालों और डायग्नोस्टिक सेंटर्स के जाल से अछूता नहीं रहा। भोली-भाली जनता का स्वास्थ्य और जमा पूंजी इन मानकविहीन केंद्रों की वजह से खतरे में है। हाल ही में पसगवां सीएचसी अधीक्षक डॉ. अश्विनी से बातचीत में कुछ तथ्य प्रकाश में आए हैं कि अस्पताल और पैथोलॉजी सेंटर्स नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए संचालन कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, कई अस्पतालों में बिना पंजीकरण के ओपीडी चल रही है, वहीं डिलीवरी और छोटे ऑपरेशन तक करवाए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि आशा बहुओं की सांठगांठ और कमीशनखोरी के चलते मरीजों को मानकविहीन अस्पतालों तक पहुंचाया जा रहा है। कुछ अस्पतालों में तो रात के अंधेरे में गर्भपात जैसे गंभीर कार्य भी गुपचुप तरीके से कराए जा रहे हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि नगर में शिफा हॉस्पिटल, पारस हॉस्पिटल (बरगवां रोड), मां पैथोलॉजी, इंडियन पैथोलॉजी और सोनम डायग्नोस्टिक सेंटर समेत दर्जनों अस्पताल और जांच केंद्र संचालित हैं। इनमें से कई के पास पंजीकरण तक नहीं है। कई जगह केवल GNM नर्सों के भरोसे पूरा अस्पताल चल रहा है ओपीडी से लेकर प्रसव तक का कार्य कराया जा रहा है।
इतना ही नहीं, कई बार मामूली केस में अस्पताल और डायग्नोस्टिक सेंटर आपस में मिलीभगत कर रिपोर्ट में फेरबदल कर देते हैं। मामूली समस्या को बड़ी और गंभीर बीमारी बताकर मरीज को डराया जाता है, फिर लंबे इलाज और जांच के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती है।
डॉ. अश्विनी ने बताया कि कुछ जांच केंद्र ऐसे हैं जहां केवल अल्ट्रासाउंड करने की अनुमति है, लेकिन वहां पैथोलॉजी जांचें भी की जा रही हैं। वहीं, कुछ पैथोलॉजी सेंटर्स जिन्हें सिर्फ ब्लड टेस्ट की अनुमति है, वे अवैध रूप से अल्ट्रासाउंड जैसी सेवाएं भी दे रहे हैं।
उन्होंने कहा, मानकविहीन अस्पतालों और जांच केंद्रों की सूची तैयार की जा रही है। जल्द ही इन सभी फर्जी केंद्रों पर लगाम कसी जाएगी और उन्हें बंद कराया जाएगा। इसके लिए टीम गठित की गई है जो पूरी तरह निरीक्षण करेगी।
स्वास्थ्य विभाग की सख्ती और सीएचसी अधीक्षक की कार्रवाई योजना से क्षेत्रवासियों को उम्मीद है कि इलाज के नाम पर चल रहे यह फर्जीवाड़े जल्द थमेंगे और मरीजों के साथ हो रहा खिलवाड़ रुकेगा।












