Lakhimpur Kheri : न्याय पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अवैध खनन के खिलाफ शुरू की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल

Lakhimpur Kheri : क्षेत्र में खुलेआम और तेजी से हो रहे अवैध बालू व मिट्टी के खनन के विरोध में न्याय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदेश जोशी ने बड़ा कदम उठाते हुए नगर के रामलीला मैदान में पीपल के वृक्ष के नीचे अपने पूरे परिवार के साथ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी। प्रशासन व शासन से कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई न होने पर उन्होंने यह कदम उठाया।

राष्ट्रीय अध्यक्ष आदेश जोशी ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में आरोप लगाया कि मोहम्मदी विधानसभा क्षेत्र में बालू और मिट्टी का खनन बड़े पैमाने पर किया जा रहा है, जिससे पर्यावरण के साथ-साथ सड़कों, खेतों और ग्रामीणों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने बताया कि इस अवैध खनन की शिकायत उन्होंने कई बार अधिकारियों से की, सम्पूर्ण समाधान दिवस में आवेदन दिया, ज्ञापन सौंपा और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 पर भी कॉल कर शिकायत दर्ज कराई, लेकिन सभी प्रयासों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।

जोशी ने कहा कि जब शिकायतों को अनसुना कर दिया गया और लगातार हो रहे खनन को रोकने के लिए शासन-प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया तो उन्हें मजबूरन अपने परिवार के साथ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठना पड़ा। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक अवैध खनन पर रोक नहीं लगती और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगी।

भूख हड़ताल की सूचना क्षेत्र में फैलते ही लोगों की भीड़ रामलीला मैदान पहुंचने लगी। स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने भी अवैध खनन रोकने की मांग उठाई और न्याय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का समर्थन किया।

उधर, भूख हड़ताल की जानकारी मिलने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों के मौके पर पहुंचने की चर्चाएं तेज हो गई हैं, लेकिन समाचार लिखे जाने तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा था।

स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध खनन की वजह से सड़कें टूट रही हैं, खेतों को नुकसान हो रहा है, भारी ट्रकों की आवाजाही से दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है और प्राकृतिक संसाधनों का लगातार दुरुपयोग हो रहा है। ऐसे में यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।

आदेश जोशी ने साफ कहा कि यह लड़ाई सिर्फ उनके लिए नहीं बल्कि पर्यावरण, भविष्य और क्षेत्र के आम लोगों के हित में है और वे इस आंदोलन को पूरी मजबूती के साथ जारी रखेंगे।

भूख हड़ताल कब तक जारी रहेगी और प्रशासन की अगली प्रतिक्रिया क्या होगी, इस पर अब सबकी नजरें टिकी हैं।

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