
लखीमपुर खीरी : बुधवार की सुबह धौरहरा थाना क्षेत्र में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब एक तेंदुए ने युवक पर हमला कर दिया। तेंदुए के अचानक किए गए हमले में युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना के बाद से क्षेत्र में दहशत का माहौल है, वहीं वन विभाग की लापरवाही पर ग्रामीणों में भारी नाराजगी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अदलीशपुर निवासी रशीद (25) जो अपने ननिहाल धौरहरा आया हुआ था, सुबह कस्बे से गांव लौट रहा था। इसी दौरान रास्ते में झाड़ियों में छिपे तेंदुए ने अचानक उस पर झपट्टा मार दिया। हमले में युवक घायल हो गया, लेकिन किसी तरह जान बचाकर वह वहां से भाग निकला। शोर सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और घायल युवक को सुरक्षित स्थान पर ले गए।

पहले भी दी गई थी तेंदुए की मौजूदगी की जानकारी
स्थानीय लोगों का कहना है कि बीते कुछ दिनों से क्षेत्र में तेंदुए की मौजूदगी को लेकर वन विभाग को कई बार सूचना दी गई थी। ग्रामीणों ने बताया कि तेंदुआ कई बार लोगों को दिखाई भी दिया, लेकिन हर बार वन विभाग ने ऐसी किसी भी आशंका को नकार दिया। अब जब तेंदुए ने युवक पर हमला कर दिया है, तब भी विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
वन विभाग की चुप्पी पर उठे सवाल
घटना के बाद से वन विभाग की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर विभाग समय रहते सक्रिय होता और इलाके में निगरानी की व्यवस्था करता, तो इस प्रकार की घटना को टाला जा सकता था। घायल रशीद का प्राथमिक उपचार स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में किया गया, जहां उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
नगर पंचायत अध्यक्ष ने की सतर्कता की अपील
घटना की जानकारी मिलते ही नगर पंचायत अध्यक्ष धौरहरा मौके पर पहुंचे और लोगों से सतर्क रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रशासन और वन विभाग को इस मामले में तत्काल कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में कोई बड़ी अनहोनी न हो।
ग्रामीणों की मांग- क्षेत्र में लगाए जाएं पिंजरे, बढ़ाई जाए निगरानी
ग्रामीणों ने मांग की है कि तेंदुए को पकड़ने के लिए क्षेत्र में पिंजरे लगाए जाएं और गश्त बढ़ाई जाए। साथ ही वन विभाग की टीम को तत्काल प्रभाव से सक्रिय किया जाए ताकि लोगों में फैले डर को कम किया जा सके।
धौरहरा क्षेत्र में पहली बार नहीं हुआ ऐसा मामला
बताते चलें कि इससे पूर्व भी धौरहरा और आसपास के क्षेत्रों में तेंदुए के दिखने की खबरें आती रही हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। ऐसे में वन्यजीवों की बढ़ती सक्रियता अब मानव जीवन के लिए खतरा बनती जा रही है।
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