Lakhimpur Kheri : दुधवा सफारी के लिए जिप्सी रजिस्ट्रेशन फिर शुरू, 14 नवंबर तक कर सकेंगे आवेदन

Lakhimpur Kheri : दुधवा टाइगर रिज़र्व प्रभाग ने पर्यटन सत्र 2025-26 के लिए सफारी वाहनों के पंजीकरण की प्रक्रिया एक बार फिर शुरू कर दी है। उपनिदेशक, दुधवा टाइगर रिज़र्व, पलिया-खीरी द्वारा बताया गया है कि इच्छुक वाहन स्वामी अब 14 नवंबर 2025 की शाम 4 बजे तक अपने आवेदन जमा कर सकते हैं। इस बार भी जिप्सी या खुले सफारी (ओपन टॉप) वाहनों को ही जंगल सफारी के लिए अनुमति दी जाएगी।

आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाई गई

टाइगर रिज़र्व प्रशासन ने पहले 18 सितंबर और 6 अक्टूबर को नोटिस जारी कर इच्छुक लोगों से आवेदन मांगे थे, लेकिन अपेक्षित संख्या में आवेदन न मिलने पर यह प्रक्रिया दोबारा खोली गई है। अब वाहन स्वामी विस्तारित तिथि 14 नवंबर तक सभी आवश्यक दस्तावेजों सहित अपना आवेदन उपनिदेशक कार्यालय, दुधवा टाइगर रिज़र्व प्रभाग, पलिया में जमा कर सकते हैं।

केवल व्यावसायिक पंजीकरण वाले वाहन ही मान्य

प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि केवल वही जिप्सी या ओपन टॉप वाहन सफारी के लिए पंजीकृत किए जाएंगे जिनका कमर्शियल रजिस्ट्रेशन हो। जिन वाहनों का पंजीकरण अभी निजी श्रेणी में है, उन्हें 30 अक्टूबर तक व्यावसायिक श्रेणी में परिवर्तित कराना अनिवार्य है, अन्यथा उनका आवेदन स्वतः निरस्त कर दिया जाएगा।

स्थानीय और थारू ग्रामीणों को प्राथमिकता

नोटिस के अनुसार, अनुभव प्राप्त वाहन स्वामियों तथा दुधवा के आसपास के ग्रामों और थारू जनजाति से जुड़े ग्रामीणों को वरीयता दी जाएगी। इसके लिए आवश्यक प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।

दस्तावेजों की पूरी तैयारी जरूरी

आवेदन पत्र के साथ वाहन के रजिस्ट्रेशन, बीमा, फिटनेस, प्रदूषण प्रमाण-पत्र की स्व-प्रमाणित प्रतियां, वाहन स्वामी का आधार, पैन, पहचान पत्र और पते का प्रमाण संलग्न करना अनिवार्य है।
वाहन और चालक दोनों के दो-दो रंगीन फोटो लगाना भी आवश्यक होगा। वाहन का रंग हरा या ऑलिव ग्रीन ही स्वीकार्य रहेगा।

ग्रामीण क्षेत्र और वनक्षेत्र के समीप रहने वाले जनजातीय वाहन स्वामियों को ₹10,000 + जीएसटी तथा होटल/रिज़ॉर्ट संचालकों को ₹25,000 + जीएसटी की राशि दुधवा बाघ फाउंडेशन के खाते में जमा करनी होगी। यह शुल्क केवल इस पर्यटन सत्र के लिए मान्य रहेगा और वापसी योग्य नहीं होगा।

100 वाहनों तक सीमित संख्या

दुधवा प्रशासन ने बताया कि इस सत्र में अधिकतम 100 जिप्सी या खुले सफारी वाहन ही पंजीकृत किए जाएंगे। चयन “पहले आओ, पहले पाओ” (First Come, First Serve) के आधार पर किया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर इस संख्या में बढ़ोतरी या कमी भी की जा सकती है।

सख्त पालन और दंड का प्रावधान

उपनिदेशक ने चेतावनी दी है कि किसी भी स्थिति में वन्यजीवों या उनके वासस्थल को क्षति पहुँचाना वन अधिनियम 1927, वन संरक्षण अधिनियम 1980 तथा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत दंडनीय है। नियमों का उल्लंघन करने पर पंजीकरण तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया जाएगा।

किराया दरें और अधिकार

जंगल सफारी के प्रति ट्रिप किराये का निर्धारण पार्क प्रशासन द्वारा उच्च स्तर से प्राप्त निर्देशों के अनुसार किया जाएगा। उपनिदेशक, दुधवा टाइगर रिज़र्व को इन नियमों में आवश्यकतानुसार परिवर्तन करने का अधिकार सुरक्षित रहेगा।

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