
Lakhimpur Kheri : दुधवा टाइगर रिजर्व प्रभाग, पलिया-खीरी के फील्ड कर्मियों को अब पेट्रोलिंग के दौरान कीचड़ और झाड़ियों से नहीं जूझना पड़ेगा। एस्ट्रल फाउंडेशन के सहयोग से वन विभाग ने सभी स्थायी और अस्थायी कार्मिकों को गम बूट उपलब्ध कराए हैं। मानसून सत्र में जंगलों में लगातार गश्त करने वाले ग्रीन सोल्जर्स के लिए यह सुरक्षा कवच साबित होंगे।
दुधवा का इलाका बारिश के मौसम में बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाता है। दलदली जमीन, घनी झाड़ियां और कीचड़ भरे रास्ते वनकर्मियों की सुरक्षा के लिए खतरा बन जाते हैं। ऐसे हालात में बिना सुरक्षा साधनों के गश्त करना बेहद कठिन और खतरनाक होता है। यही वजह है कि विभाग ने मानसून शुरू होते ही कार्मिकों को गम बूट देने का फैसला लिया।
गम बूट मिलने से अब फील्ड स्टाफ बिना हिचक जंगल की गहराइयों तक जा सकेगा। कीचड़ और मिट्टी से होकर गश्त करना आसान होगा, जिससे वन्यजीवों की सुरक्षा में भी मजबूती आएगी। अधिकारियों का कहना है कि मानसून के दौरान शिकारियों की हलचल भी बढ़ जाती है, ऐसे में पेट्रोलिंग का मजबूत होना बेहद जरूरी है।
उपनिदेशक ने क्या कहा
दुधवा टाइगर रिजर्व प्रभाग, पलिया-खीरी के उपनिदेशक जगदीश आर. ने बताया
ग्रीन सोल्जर्स की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। मानसून के मौसम में पेट्रोलिंग बिना सुरक्षा साधनों के खतरनाक साबित हो सकती है। गम बूट मिलने से फील्ड कार्मिक निसंकोच और निडर होकर अपना दायित्व निभा सकेंगे। एस्ट्रल फाउंडेशन का इसमें विशेष सहयोग रहा है।
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