लखीमपुर खीरी : योगी 2.0 की सरकार दोबारा सत्ता में आने के बाद तमाम ताबड़तोड़ कार्य शुरू किए जाने लगे जिसमें एक कार्य धर्म को जोड़ने को लेकर भी किया गया। हाल ही मे योगी सरकार ने सभी समुदाय के लोगों को एक समान मानते हुए सभी को एक जैसे नियम और शर्तें लागू करने का निर्देश दिए जिसमे सार्वजनिक स्थानों पर लगे हुए लाउड स्पीकर को हटवाने के आदेश जारी किए जिसको सभी समुदाय के धर्मगुरुओं ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए अपने आप से अपने अपने धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकरो को हटाया। इसमें मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर को स्वयं से हटाया। मुस्लिम समुदाय के लोगों का एक त्यौहार जिसको अलविदा के नाम से जाना जाता है। जिसको देखते हुए लखीमपुर के सभी जगहों पर प्रेम सौहार्द की भावना देखी गई और प्रत्येक मस्जिद पर सैकड़ों की संख्या में लोगों ने नमाज पढ़ी। इस दौरान पुलिस प्रशासन भी काफी मुस्तैद दिखाई दिया। लोगो ने शांतिपूर्ण ढंग से नवाज अदा की। साथ ही पुलिस का मानवीय चेहरा सामने आया जिसमे देखा गया कि चौकी इंचार्ज विनोद कुमार सिंह मस्जिदो के सामने खड़े होकर अलविदा की नमाज अदा कराई और लोगों को अलविदा की ढेर सारी बधाइयां दें।
कोतवाली निघासन के अंतर्गत आने वाली झंडी चौकी के इंचार्ज विनोद कुमार सिंह ने झण्डी चौकी के अंतर्गत आने ग्राम पंचायत मुड़ा बुजुर्ग हरसिंहपुर, मिर्जागंज , बरोठा समस्त मस्जिदों का भ्रमण किया। और साथ ही बताया कि इसी तरह ईद की नमाज भी शांतिपूर्ण ढंग से मनाएं और पुलिस का सहयोग करें। इस दौरान मौके पर मौजूद रहे हेड कांस्टेबल शिव कुमार सिंह व कांस्टेबल पुष्पेंद्र कुमार मौजूद रहे।
गोला मे अक़ीदत के साथ हुईं अलविदा (जुमा) की नमाज़
गोला नगर मे जामा मस्जिद से लेकर हर मस्जिद एवं पूरे क्षेत्र में अलविदा जुमा की नमाज़, मस्जिद नीची भूड़, नूरी मस्जिद ऊंची भूड़, गौसिया मस्जिद केडिया फार्म, गढ़ी मस्जिद,गौसिया मस्जिद अर्जुन नगर मुस्लिमों ने बड़ी ही अकीदत से अदा की। और अपने वतन भारत में खुशहाली, तरक्की, अमन, शांति और अपने मुल्क भारत का दुनिया में सबसे आला मकाम हो इसके लिए खुदा से दुआएं मांगी।
पवित्र माह को मुसलमान अल्लाह के ईनाम के रुप में देखते है रमजान
रमजान की रौनक बाजारों में देखने को खूब मिल रही है, इस पवित्र माह को मुसलमान अल्लाह के ईनाम के रुप में देखते है, जैसे सभी धर्म अपने नियमों को मानते हैं, वैसे ही इस्लाम में की भी अपनी विशेषता है। इस धर्म में रमजान में नमाज पढ़ना जरूरी माना जाता है और अलविदा जुमा की नमाज का अपना ही महत्व होता है। जानकार बताते है कि माह-ए-रमजान मे पड़ने वाले आखिरी जुमा को अलविदा जुमा कहते हैं। अलविदा का मतलब होता है किसी चीज के रुखसत होने का। यानी रमजान हमसे रुखसत हो रहा है। इसलिए इस मौके पर जुमे में अल्लाह से खास दुआ की जाती है कि आने वाला अगला रमजान हम सब को नसीब हो। रमजान के महीने में आखिरी जुमा (शुक्रवार) को ही अलविदा जुमा कहा जाता है। इस भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप की परवाह न करके अलविदा जुम्मा की नमाज को लेकर पुलिस प्रशासन हर जगह पर मुस्तैद रहा।