
Lakhimpur Kheri : भव्यता की दिशा में आगे बढ़ रहे गोला गोकर्णनाथ मंदिर कॉरिडोर के निर्माण कार्य ने शनिवार को नया मोड़ ले लिया। कोतवाली पुलिस ने मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार (स्टेशन मार्ग) पर एक बड़ा सूचना बैनर लगाकर उस मार्ग से आमजन की आवाजाही अस्थायी रूप से बंद कर दी है। यह बैनर प्रभारी निरीक्षक, कोतवाली गोला के निर्देश पर लगाया गया है, जिसमें लिखा गया है: “गोला गोकर्णनाथ मंदिर कॉरिडोर का निर्माण कार्य प्रगति पर है। कृपया नीलकंठ मैदान से दर्शन करने का कष्ट करें। असुविधा के लिए खेद है।” यह कदम श्रद्धालुओं की सुरक्षा और निर्माण कार्य की गति बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है, ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना या अव्यवस्था से बचा जा सके।
मुख्य द्वार से आवाजाही बंद, निर्माण कार्य तेजी पर
करीब 11 महीने से जारी कॉरिडोर निर्माण कार्य में शनिवार को सबसे बड़ा बदलाव देखने को मिला। मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार अब श्रद्धालुओं के लिए पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है। इस मार्ग पर फिलहाल सरिया, सीमेंट, मौरंग और भारी निर्माण सामग्री के बीच मशीनों की आवाजाही जारी है। मुख्य द्वार की नई भव्य संरचना का निर्माण प्रारंभ हो चुका है। दीवारों पर स्टील फ्रेम लगाए जा रहे हैं, जिन पर आगे चलकर कलात्मक पत्थर और नक्काशीदार आकृतियां जड़ी जाएंगी। लगातार जेसीबी और मजदूरों की हलचल के कारण यह क्षेत्र अत्यंत संवेदनशील बन गया है। कोतवाली पुलिस का कहना है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है। मुख्य द्वार पर कार्य प्रगति पर है, इसलिए इसे अस्थायी रूप से बंद किया गया है। भक्त नीलकंठ मैदान मार्ग से दर्शन करें।
नीलकंठ मैदान से होगा वैकल्पिक प्रवेश
मुख्य द्वार बंद होने के बाद प्रशासन ने नीलकंठ मैदान को नया प्रवेश मार्ग घोषित किया है। अब सभी श्रद्धालु इसी रास्ते से मंदिर परिसर तक पहुंचेंगे। इस मार्ग पर साफ-सफाई और सुरक्षा व्यवस्था को भी मजबूत किया गया है। स्थानीय श्रद्धालुओं ने इस निर्णय का स्वागत किया है। भक्तों ने कहा कि निर्माण क्षेत्र में बड़ी मशीनें और मजदूर लगातार काम कर रहे हैं। अगर रास्ता बंद न किया जाता, तो दुर्घटना का खतरा बना रहता।
कॉरिडोर के विभिन्न हिस्सों में तेजी से कार्य
शनिवार को पूरे कॉरिडोर क्षेत्र में निर्माण गतिविधियां चरम पर रहीं। मंदिर की पूर्व दिशा में नई खुदाई शुरू हुई है, वहीं पश्चिम दिशा में 11 छोटे मंदिरों के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया भी आरंभ की गई है। कारीगर नए पिलर खड़े कर रहे हैं और ढलाई का कार्य लगातार चल रहा है। इन सभी मंदिरों को एकीकृत कर एक भव्य “शिव परिक्रमा पथ” के रूप में विकसित किया जाएगा। पूरे परिसर में सफेद व रंगीन पत्थरों की फिटिंग और नक्काशी का कार्य भी जारी है।
सुरक्षा और अनुशासन के लिए पुलिस की निगरानी बढ़ी
हाल में मुख्य द्वार पर भीड़ के दौरान कुछ अराजक तत्वों की कहासुनी की घटनाओं के बाद प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी थी। मंदिर समिति ने इस बाबत कोतवाली से संपर्क किया, जिसके बाद प्रभारी निरीक्षक के निर्देशन में बैनर लगाया गया और पुलिस की निगरानी बढ़ाई गई। अब मुख्य द्वार क्षेत्र में पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है, ताकि कोई भी व्यक्ति निर्माण क्षेत्र के भीतर प्रवेश न करे।
भव्य स्वरूप की दिशा में बढ़ता कदम
गोकर्णनाथ धाम को भव्य स्वरूप देने की योजना अब निर्णायक चरण में है। लगभग एक वर्ष से चल रहे इस प्रोजेक्ट में अब मुख्य द्वार, दीवारों और मंदिर समूहों पर एक साथ कार्य प्रारंभ हो गया है। स्थानीय नागरिकों को उम्मीद है कि जल्द ही यह कॉरिडोर उत्तर प्रदेश के प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थलों में अपनी नई पहचान स्थापित करेगा।














