
लखीमपुर खीरी : गन्ना शोध परिषद शाहजहांपुर की ओर से सोमवार को जनपद लखीमपुर के गन्ना विकास परिषद गोला क्षेत्र के ग्राम पंचायत खरेंहटा में कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य शरदकालीन गन्ना बुवाई को प्रोत्साहित करना और गन्ने में लगने वाले रोग एवं कीट प्रबंधन के बारे में किसानों को जागरूक करना रहा।
कार्यक्रम में पादप रोग वैज्ञानिक डॉ. सुजीत प्रताप सिंह ने किसानों को गन्ने में लगने वाले प्रमुख रोगों और कीटों की पहचान, उनके लक्षण और प्रभावी प्रबंधन के तरीकों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि समय पर रोग और कीटों की पहचान कर उनका प्रबंधन करना गन्ना उत्पादन में वृद्धि का महत्वपूर्ण आधार है।
प्रसार अधिकारी डॉ. संजीव पाठक ने शरदकालीन गन्ना बुवाई की उन्नत विधियों पर प्रकाश डालते हुए किसानों को सहफसली खेती, सिंगल बड विधि द्वारा नर्सरी की तैयारी और वैज्ञानिक उर्वरक प्रबंधन की तकनीकों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने किसानों को आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाने का सुझाव भी दिया, जिससे कम लागत में अधिक उत्पादन संभव हो सके।
गन्ना समिति गोला के सचिव ने समिति सदस्यता, उपज बढ़ाने के उपाय और किसानों के लिए उपलब्ध कृषि यंत्रों की जानकारी दी। वहीं, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक गोला ने विभागीय योजनाओं, सर्वे-सट्टा प्रदर्शन और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आर.के.वी.वाई.) की रूपरेखा बताई।
महाप्रबंधक गोला, पी.एस. चतुर्वेदी ने चीनी मिल की ओर से किसानों को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि शरदकालीन गन्ना बुवाई से किसानों को न केवल समय पर फसल तैयार करने का लाभ मिलेगा बल्कि चीनी मिलों को भी सुचारु रूप से गन्ने की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे इस सीजन में अधिक से अधिक क्षेत्रफल में गन्ने की बुवाई करें।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए और गन्ना उत्पादन की आधुनिक तकनीकें सीखीं। किसानों ने वैज्ञानिकों और अधिकारियों से अपने सवाल भी पूछे और उन्हें मौके पर ही समाधान मिला।
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