लखीमपुर खीरी : बालाजी हॉस्पिटल पर लापरवाही का आरोप, इलाज के दौरान महिला की मौत

लखीमपुर खीरी : जिले के नकहा निवासी एक युवक ने अपनी पत्नी की मौत के मामले में रामपुर के बालाजी हॉस्पिटल और लखनऊ के देवम हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर गंभीर लापरवाही और इलाज के नाम पर ठगी का आरोप लगाया है। पीड़ित ने मुख्यमंत्री, मुख्य चिकित्साधिकारी और पुलिस को प्रार्थना पत्र देकर डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

पीड़ित मिलन पुत्र राजाराम ने बताया कि उसकी पत्नी पीताम्बरी के पेट में अचानक दर्द होने पर 14 अगस्त 2025 को लखीमपुर में अल्ट्रासाउंड कराया गया। जांच में गर्भस्थ शिशु अस्वस्थ पाया गया और ऑपरेशन की सलाह दी गई। इसके बाद वह पत्नी को जिला महिला अस्पताल ले गया, लेकिन वहां डॉक्टर न मिलने पर उन्हें भर्ती नहीं किया गया। मजबूरी में वह पत्नी को बालाजी हॉस्पिटल, रामपुर ले गया, जहां डॉक्टर आशीष कुमार ने 15 अगस्त को शाम करीब 6:30 बजे ऑपरेशन किया।

पीड़ित का आरोप है कि इस दौरान उससे ₹20,000 नकद और ₹3,500 ऑनलाइन लिए गए। लेकिन ऑपरेशन के बाद पत्नी की हालत बिगड़ती चली गई। रातभर हालत गंभीर बनी रही और 16 अगस्त की सुबह उसे देवम हॉस्पिटल, हजरतगंज लखनऊ रेफर कर दिया गया। वहां भी भर्ती कराने के लिए ₹32,000 जमा करने पड़े।

देवम हॉस्पिटल में 18 अगस्त तक इलाज चलता रहा, लेकिन हालत और खराब हो गई। पैसे खत्म होने पर पीड़ित को पत्नी को बिना इलाज के घर लाना पड़ा। इसके बाद 19 अगस्त को वह पत्नी को लक्ष्मण मेडिकल कॉलेज, लखनऊ लेकर गया। यहां डॉक्टरों ने बताया कि गलत ऑपरेशन और गलत इलाज के चलते मरीज की हालत गंभीर हो गई है और उसका गर्भाशय फट गया है। खून की कमी के चलते इलाज संभव नहीं हो पाया और महिला की मौत हो गई।

पीड़ित ने आरोप लगाया कि बालाजी हॉस्पिटल और देवम हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने इलाज के नाम पर ₹55,000 से ज्यादा वसूले, लेकिन सही इलाज नहीं दिया और उसकी पत्नी को मौत के मुंह में धकेल दिया। उसने सीएमओ लखीमपुर खीरी, पुलिस और उच्च अधिकारियों को दिए प्रार्थना पत्र में डॉक्टर आशीष कुमार और डॉ. रितेश पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग की है।

पीड़ित का कहना है कि उसकी पत्नी को अगर सही समय पर सही इलाज और खून की व्यवस्था मिल जाती, तो उसकी जान बचाई जा सकती थी। अब वह न्याय की गुहार लगाते हुए डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई चाहता है।

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