
- बीएसएनएल पर सुरक्षा धनराशि न लौटाने का आरोप, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत दायर किया वाद
Lakhimpur Kheri : गोला गोकर्णनाथ के मोहल्ला दीक्षिताना कस्बा निवासी अंकुर गुप्ता ने भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) पर गंभीर आरोप लगाते हुए जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, लखीमपुर खीरी में वाद दायर किया है। उन्होंने बीएसएनएल अधिकारियों पर ₹4 लाख के आर्थिक, शारीरिक व मानसिक क्षतिपूर्ति की मांग की है।
वाद दर्ज इस प्रकरण में वादी अंकुर गुप्ता ने बताया कि उन्होंने दिनांक 7 अप्रैल 2023 को बीएसएनएल का एक ब्रॉडबैंड (फाइबर) कनेक्शन Account No. 1028429825 पर अपने नाम से कराया था। कनेक्शन के समय उन्होंने आधार कार्ड व अन्य जरूरी दस्तावेज बीएसएनएल कार्यालय में जमा किए थे। वादी का कहना है कि कनेक्शन के दौरान कर्मचारियों ने सुरक्षा धनराशि के रूप में एक निश्चित रकम ली थी, जो हर महीने के बिल के साथ जोड़ी जाती रही। उन्होंने 30 जुलाई 2024 तक नियमित रूप से बीएसएनएल का बिल अदा किया, लेकिन सेवा से असंतुष्ट होकर उन्होंने उसी दिन कनेक्शन बंद करवा दिया।
सुरक्षा धनराशि लौटाने में टालमटोल का आरोप
अंकुर गुप्ता का आरोप है कि कनेक्शन बंद कराने के बाद उन्होंने कई बार बीएसएनएल कार्यालय का चक्कर लगाया, परंतु सुरक्षा राशि वापस नहीं की गई। वादी ने दिनांक 23 जनवरी 2025 को बीएसएनएल लेखा अधिकारी श्री धर्मेंद्र कुमार मौर्य को एक लिखित आवेदन पत्र भी दिया, जिसमें अपनी बैंक पासबुक व रद्द चेक की प्रति संलग्न कर सुरक्षा धनराशि वापस करने की मांग की थी। वादी के अनुसार, 30 कार्य दिवस बीत जाने के बाद भी राशि वापस नहीं की गई। बार-बार संपर्क करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। निराश होकर वादी ने 31 जुलाई 2025 को बीएसएनएल को पंजीकृत डाक से कानूनी नोटिस भेजा, जिसका जवाब भी नहीं मिला।
फोरम में पेश किया गया मामला
वादी ने अपने वादपत्र में कहा है कि नोटिस भेजे जाने के बाद भी बीएसएनएल अधिकारियों ने न तो कोई उत्तर दिया और न ही उनकी सुरक्षा धनराशि वापस की। शिकायत विभाग की वेबसाइट पर 5 अगस्त 2025 तक भी कोई समाधान नहीं दिखा। अंकुर गुप्ता ने कहा कि बीएसएनएल की इस लापरवाही से उन्हें मानसिक और आर्थिक दोनों प्रकार की परेशानी झेलनी पड़ी। उन्होंने न्यायालय से आग्रह किया कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 35 के अंतर्गत ₹4,00,000 (चार लाख रुपये) की क्षतिपूर्ति दिलाई जाए।
वादपत्र में किए गए प्रमुख उल्लेख
वादी द्वारा कनेक्शन बंद करने के बाद भी सुरक्षा धनराशि न लौटाना।
बीएसएनएल अधिकारियों द्वारा कई बार संपर्क के बाद भी कोई जवाब न देना।
मानसिक, आर्थिक और शारीरिक हानि की क्षतिपूर्ति की मांग।
न्यायालय से निष्पक्ष राहत और अन्य आवश्यक सहायता की प्रार्थना।
क्या कहा गया वादपत्र में
वादी अंकुर गुप्ता ने न्यायालय में हलफनामा प्रस्तुत करते हुए कहा “मैंने 7 अप्रैल 2023 को कनेक्शन कराया था और 30 जुलाई 2024 को बंद कराया। बार-बार अनुरोध के बावजूद बीएसएनएल विभाग ने मेरी सुरक्षा राशि नहीं लौटाई। विभाग की इस उदासीनता से मुझे गहरी मानसिक पीड़ा और आर्थिक नुकसान हुआ है।”
25 अक्टूबर 2025 को दाखिल हुआ वाद
वादी ने यह वाद दिनांक 25 अक्टूबर 2025 को जिला उपभोक्ता फोरम में दाखिल किया। उन्होंने न्यायालय से आग्रह किया कि बीएसएनएल को उपभोक्ता की श्रेणी में आने वाले इस प्रकरण में जिम्मेदार ठहराते हुए न केवल सुरक्षा राशि लौटाने का आदेश दिया जाए, बल्कि मानसिक क्षति और उपेक्षा के लिए उचित मुआवजा भी दिलाया जाए।










