लखीमपुर खीरी : माहवारी स्वच्छता प्रबंधन पर खुलकर बात कर रहीं किशोरियां

साथिया केंद्रों पर हो रहा समाधान

लखीमपुर-खीरी। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. केके आदिम ने किशोरियो को जागरूक करते हुए कहा कि किशोरियो अब बेहिचक बात करने को तैयार हैं, जिन पर कुछ साल पहले तक महिलाएं बोलने से कतराती थीं। माहवारी स्वच्छता जैसे मुद्दे को लेकर अब किशोरियां और महिलाएं संवेदनशील हो चुकी हैं। पढ़ाई और दूसरे कामों के बीच माहवारी स्वच्छता के प्रबंधन पर ध्यान देने के साथ ही माहवारी स्वच्छता जैसे मुद्दे पर भी चुप्पी तोड़कर खुलकर बोल रही हैं। सामाजिक और महिला स्वास्थ्य के बदलाव की यह बयार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम का परिणाम है। डॉ. आदिम का कहना है कि किशोरियों को माहवारी स्वच्छता प्रबंधन की जानकारी देने के लिए सभी ब्लॉक सीएचसी सहित जिला अस्पताल और जिला महिला अस्पताल में साथिया केंद्रों (किशोर स्वास्थ्य एवं परामर्श क्लीनिक) की स्थापना की गई है। इन केंद्रों पर प्रशिक्षित परामर्शदाताओं द्वारा किशोर-किशोरियों की शंकाओं और जिज्ञासाओं का समाधान तो किया ही जा रहा है, साथ ही उन्हें माहवारी स्वच्छता, यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य, पोषण, मानसिक स्वास्थ्य, चोट और हिंसा को रोकने और मादक पदार्थों के दुष्परिणामों के बारे में भी जानकारी दी जा रही है।

साथिया केंद्रों पर मिल रही जानकारी

राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक सचिन गुप्ता का कहना है कि किशोरावस्था की शुरूआत में शारीरिक एवं मानसिक बदलाव तेजी से होते हैं। इस दौरान किशोरियों की यौन विषय पर जानकारी भी अलग-अलग होती है। इसको लेकर उनके मन में कई तरह की शंकाएं, जिज्ञासाएं और उलझने होती हैं, जिन्हें सुलझाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला अस्पतालों सहित सभी ब्लॉक सीएचसी पर साथिया केंद्रों (किशोर स्वास्थ्य एवं परामर्श क्लीनिक) की स्थापना की गई है।

इन केंद्रों पर प्रशिक्षित परामर्शदाताओं द्वारा किशोर-किशोरियों की शंकाओं और जिज्ञासाओं का समाधान तो किया ही जा रहा है, साथ ही उन्हें माहवारी स्वच्छता, यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य, पोषण, मानसिक स्वास्थ्य, चोट और हिंसा को रोकने और मादक पदार्थों के दुष्परिणामों के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। साल 2021-22 में साथिया केंद्र पर करीब 45,574 किशोर किशोरियों ने पंजीकरण कराया, जिनमें से 44,523 किशोर किशोरियों की काउंसलिंग की गई। 545 किशोरियों ने माहवारी
स्वच्छता प्रबंधन के बारे में और 2670 किशोरियों ने लिंग आधारित हिंसा के संबंध में अपनी जिज्ञासाओं
का समाधान पाया है।

आज होंगे जागरूकता कार्यक्रम

राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. केके आदिम ने बताया कि विश्व माहवारी स्वच्छता प्रबंधन दिवस के मौके पर जिले के सभी ब्लॉक सीएचसी पर किशोरियों के साथ जागरूकता बैठक का आयोजन होगा है। बैठक में अर्श काउंसलर द्वारा माहवारी स्वच्छता प्रबंधन पर किशोरियों को जानकारी दी जाएगी और जागरूकता के कई कार्यक्रम भी आयोजित होंगे।

माहवारी के समय ये बरते सावधानी

जिला चिकित्सालय की सीएमएस ज्योति मेहरोत्रा का कहना है कि माहवारी के समय कम से कम हर छह से आठ घंटे में सेनेट्री नैपकिन यानी पैड बदलें। यदि रक्तस्राव जयादा हो तो पैड को और भी ज्यादा जल्दी बदलना चाहिए। घर में रखे पुराने गंदे कपड़े का प्रयोग नहीं करें। इससे संक्रमण का खतरा रहता है। समय-समय पर अपने निजी अंग व उसके आसपास की सफाई करती रहें। नियमित तौर पर नहाएं, यदि माहवारी के दौरान दर्द हो तो गरम पानी से स्नान फायदा देता है। सुपाच्य आहार का सेवन करें। अपनी भोजन, कार्य व व्ययायम संबंधी नियमित दिन चर्या का पालन करें।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें