Lakhimpur Kheri : दुकान में ग्राहक घटने पर रची गई खूनी साजिश, अधजले शव की सुलझी गुत्थी

Lakhimpur Kheri : लखीमपुर खीरी के हैदराबाद थाना क्षेत्र में सड़क किनारे बोरे में मिले अधजले शव की सनसनीखेज वारदात का पुलिस ने बड़ा खुलासा कर दिया है। हत्या के पीछे न तो गैंगवार था और न ही किसी लूट की मंशा, बल्कि किराने की दुकान में ग्राहकों की कमी को लेकर उपजा पुराना विवाद ही सोहेल की मौत का कारण बना।

हत्या करने वाला मृतक का पुराना ग्राहक था। अपनी साजिश को अंजाम देने के लिए उसने मृतक के करीबी दोस्त का सहारा लिया और उसे जाल में फंसाकर मौत के घाट उतार दिया। हत्या के बाद पहचान मिटाने के लिए शव को जला दिया गया, लेकिन पुलिस की पड़ताल ने सभी परतें उधेड़ दीं और तीनों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए।

घटना तीन दिन पहले उस समय सामने आई थी जब छितौनिया, बेहड़ा और कैथोला गांवों के बीच सड़क किनारे एक प्लास्टिक बोरे में अधजला शव मिला। मृतक की पहचान मोहल्ला वीरेंद्र नगर कॉलोनी निवासी 30 वर्षीय सोहेल खान के रूप में हुई, जो बीते सोमवार की शाम घर से निकला था और रात तक वापस नहीं लौटा। पोस्टमार्टम में गला रेतकर हत्या की पुष्टि हुई।

जांच में खुलासा हुआ कि मृतक का किराने की दुकान पर बकाया था, जिसे उसने चुका दिया था। इसी दौरान दुकान में ग्राहकों की कमी को लेकर आरोपी रामनिवास को शक हुआ कि सोहेल लोगों को उसकी दुकान से दूर कर रहा है। इसी खुन्नस में 2024 से दोनों के बीच तनाव बढ़ गया। आरोपी ने सीधे सामना करने के बजाय पहले अपने भाई गोविंद के साथ योजना बनाई और फिर मृतक के करीबी दोस्त आदित्य की मदद ली। दोस्त होने के भरोसे का फायदा उठाते हुए आदित्य ने सोहेल को अपने पटेल नगर स्थित घर पर बुलाया। रास्ते और घर के अंदर उसे शराब पिलाई गई और नशे में धुत होने पर तीनों ने मिलकर चाकू से गला काटकर उसकी हत्या कर दी। उसके बाद सिर पर भी वार किए गए और शव को बोरे में बंद कर दूर ले जाकर जला दिया गया ताकि पहचान न हो सके।

पुलिस ने हत्या के तीनों आरोपियों रामनिवास उर्फ डिम्पल पुत्र परमेश्वरदीन वर्मा, गोविंद वर्मा पुत्र परमेश्वरदीन वर्मा और आदित्य वर्मा पुत्र स्व. सर्वेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया। तीनों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त चाकू, स्विफ्ट कार, मृतक का मोबाइल व कीपैड फोन, शराब की बोतल और खून से सनी प्लास्टिक की बोरी बरामद की गई।

थानाध्यक्ष सुनील मलिक ने बताया कि तीनों आरोपियों के विरुद्ध आवश्यक कानूनी कार्रवाई कर उन्हें न्यायालय भेज दिया गया है। हत्या के सभी बिंदुओं की गहन जांच जारी है।

अच्छी मॉनिटरिंग से असली हत्यारे बेनकाब

हत्या के खुलासे में हैदराबाद थाना पुलिस और SWAT टीम का वर्कआउट बड़ी मिसाल साबित हुआ। क्षेत्राधिकारी गोला रमेश तिवारी और प्रभारी निरीक्षक सुनील मलिक की मॉनिटरिंग में पुलिस ने शुरुआती नामजद आरोपों या बाहरी दबाव पर कार्रवाई करने के बजाय वैज्ञानिक जांच, इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और तकनीकी विश्लेषण पर भरोसा किया। प्रारंभिक सूचनाओं में जिन लोगों का नाम उछाला जा रहा था, वे असल अपराधी नहीं थे।

पुलिस ने हर कड़ी की बारीकी से जांच कर वास्तविक हत्यारों तक पहुंच बनाई। पेशेवर और निष्पक्ष फील्ड वर्क के चलते पुलिस ने पूरी अपराध कथा खंगालते हुए तीनों दोषियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा, जिससे निर्दोषों पर कार्रवाई होने की आशंका समाप्त हुई और क्षेत्र में पुलिस के प्रति विश्वास मजबूत हुआ।

क्षेत्राधिकारी गोला रमेश तिवारी के अनुसार, वादी और अभियुक्त पक्ष के बीच 2024 से विवाद चल रहा था, जो हत्या का कारण बना। तीनों आरोपियों को न्यायालय भेज दिया गया है।

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