Lakhimpur : छोटी काशी गोला गोकर्णनाथ में गोवंश रोड पर रात गुजारने को मजबूर

  • जिम्मेदार अधिकारी मौन

Gola Gokarnath, Lakhimpur : छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध गोला नगर में इन दिनों गोवंश की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। नगर की सड़कों पर रात के अंधेरे में गोवंश खुले में घूमने को मजबूर हैं। स्थिति यह है कि तीन दिनों की लगातार बारिश के बावजूद भी इन बेसहारा गोवंशों को गौशालाओं में शरण नहीं मिल सकी। जिम्मेदार अधिकारी जहां मौन हैं, वहीं नगरवासी और सामाजिक संगठनों में आक्रोश पनप रहा है।

राष्ट्रीय हिंदू शेर सेना के जिला उपाध्यक्ष अनूप गुप्ता ने इस गंभीर विषय पर जिलाधिकारी से कठोर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि गौशालाओं के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। पशुपालक सिर्फ दूध निकालकर गायों को सड़कों पर छोड़ देते हैं, जिससे आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं।

गायों के कानों में टैग न होना प्रशासनिक लापरवाही
गुप्ता ने बताया कि अधिकांश पालतू गायों के कानों में टैग तक नहीं लगे हैं, जिससे यह प्रमाणित नहीं हो पाता कि यह पशु गौशाला से संबंधित हैं या किसी पशुपालक के। उन्होंने मांग की कि पशु चिकित्सा विभाग समय-समय पर टैगिंग अभियान चलाए, जिससे हर पशु की पहचान हो सके और जिम्मेदारी तय की जा सके।

सड़कों पर गोवंश की भीड़ बन रही दुर्घटना का कारण
रात के समय नगर की प्रमुख सड़कों पर गोवंशों की भीड़ रहने से वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसी ही एक दुर्घटना की जानकारी अनूप गुप्ता को बीती रात 7:30 बजे मिली, जब खुटार रोड स्थित फूल बाबा आश्रम के पास एक अज्ञात सफेद वरना फोर व्हीलर ने एक गोवंश को टक्कर मार दी।

घटना स्थल पर पहुंचकर कराया इलाज
सूचना मिलते ही अनूप गुप्ता मौके पर पहुंचे और तत्काल पशु चिकित्सा अधिकारी को बुलवाकर घायल गोवंश का इलाज करवाया। इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी, जिस पर पुलिस के दो सिपाही मौके पर पहुंचे। श्री गुप्ता ने उन्हें पूरी घटना की जानकारी दी। फिलहाल पुलिस सीसीटीवी कैमरों की मदद से वाहन और आरोपी चालक की पहचान में जुटी है।

जिलाधिकारी से की सख्त कार्रवाई की मांग
श्री गुप्ता ने मांग की कि जिले में संचालित सभी गौशालाओं का निरीक्षण कराया जाए और जो गौशालाएं केवल कागजों में चल रही हैं, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही, ऐसे पशुपालकों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हो जो अपने पालतू पशुओं को सड़कों पर छोड़ देते हैं।

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