
लखीमपुर खीरी। गोला रोड पर स्थित न्यू लाइफ हॉस्पिटल का पर्दाफाश एक दिल दहला देने वाली घटना से हुआ। प्रसव पीड़ा के दौरान जहां परिवार नन्हीं किलकारी की उम्मीद कर रहा था, वहीं डॉक्टर ने शिशु जन्म के साथ ही महिला की बच्चेदानी निकाल डाली। इस हैरतअंगेज घटना से परिजन सन्न रह गए और मामला सीधे डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल तक पहुंचा।
प्रकरण की गंभीरता समझते ही डीएम एक्शन में आईं और तत्काल सीएमओ डॉ. संतोष गुप्ता को निर्देश दिया कि अस्पताल पर कड़ी कार्रवाई की जाए। सीएमओ ने जांच की जिम्मेदारी फरधान सीएचसी के अधीक्षक को सौंपी। अधीक्षक मौके पर पहुंचे तो अस्पताल ताले में बंद मिला। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि यह अस्पताल पंजीकृत नहीं है। पूर्ण रूप से अवैध रूप से संचालित हो रहा था। देर न लगाते हुए प्रशासन ने 27 अगस्त को ही इस अवैध हॉस्पिटल को सील कर दिया।
लेकिन कार्रवाई यहीं नहीं रुकी। डीएम ने प्रभावित परिवार के प्रार्थना पत्र पर सुसंगत धाराओं में FIR दर्ज कराने के आदेश दिए। आदेश के बाद पुलिस ने अस्पताल संचालक के खिलाफ मुकदमा कायम कर लिया। प्रशासनिक सख्ती से पूरे जिले में निजी अस्पतालों में हड़कंप मच गया है।
मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं : डीएम
डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा कि मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मामला गंभीर था, इसलिए तत्काल सीएमओ को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। अस्पताल का निरीक्षण कराया गया और अवैध रूप से संचालित पाए जाने पर उसे सील कर दिया गया है। साथ ही प्रभावित परिवार की तहरीर पर संबंधित अस्पताल संचालक के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई है। जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
अवैध चिकित्सालयों पर कसेगा शिकंजा, 16 क्षेत्रों में गठित हुई दो सदस्यीय टीमें
डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल के निर्देश पर जनपद में संचालित अवैध चिकित्सालयों और बिना पंजीकरण चल रहे नर्सिंग होम व क्लीनिकों पर नकेल कसने के लिए स्वास्थ्य विभाग एक्शन मोड में आ गया है। सीएमओ डॉ. संतोष गुप्ता ने क्लीनिकल स्टैबलिशमेंट एक्ट के तहत लंबित प्रकरणों के निस्तारण और अवैध संस्थानों पर कार्रवाई सुनिश्चित करने हेतु जनपद के 16 क्षेत्रों में दो सदस्यीय समितियों का गठन किया है।
इन समितियों में टीम लीडर के रूप में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी या उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी नामित किए गए हैं, जबकि संबंधित क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक सदस्य होंगे। टीमों को निर्देशित किया गया है कि वे एक सप्ताह के भीतर संयुक्त निरीक्षण कर पंजीकरण/नवीनीकरण संबंधी आख्या उपलब्ध कराएं। सीएमओ ने कहा है कि किसी भी हाल में अवैध चिकित्सालयों को बख्शा नहीं जाएगा। बिना पंजीकरण या नियमविरुद्ध संचालन करने वाले संस्थानों पर नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी सीएचसी अधीक्षकों को इस अभियान में सक्रिय सहयोग देने के भी निर्देश दिए।