
- पीड़ित ने गोला पुलिस को सौंपी तहरीर
लखीमपुर, गोला गोकर्णनाथ। थाना क्षेत्र गोला के त्रिलोक गिरि मार्ग स्थित एक कोचिंग सेंटर में पुलिस भर्ती में सीधे चयन का झांसा देकर तीन लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ित ने आज गोला कोतवाली में तहरीर देते हुए आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। मामले में एक चेक बाउंस होने और जान से मारने की धमकी देने का भी गंभीर आरोप लगाया गया है।
फरधान थाना क्षेत्र के ग्राम पचपेड़वा निवासी शिव मोहन शुक्ला पुत्र रामगुलाम ने गोला पुलिस को दी गई लिखित शिकायत में बताया कि वह नवंबर 2024 में पुलिस भर्ती की तैयारी के संबंध में जानकारी लेने के लिए गोला स्थित एन.के.डी. क्लासेज कोचिंग सेंटर पर गया था। सेंटर संचालक प्रदीप कुमार व वहाँ मौजूद रामधीरज पांडेय ने उसे सीधे पुलिस में भर्ती कराने का झांसा देते हुए तीन लाख रुपए की मांग की।
शिव मोहन के अनुसार, भरोसे में आकर उसने नवंबर 2024 में उक्त रकम नगद रूप में प्रदीप कुमार को सौंप दी। कुछ समय बाद विपक्षियों ने उसे एक फर्जी रिजल्ट पत्र प्रदान किया, जो पूरी तरह से नकली निकला। जब पीड़ित ने इस बारे में जानकारी चाही तो उसे टालमटोल किया जाने लगा।
पीड़ित का कहना है कि 30 दिसंबर 2024 को उसे रामधीरज पांडेय के नाम से यूनियन बैंक का एक चेक (संख्या 002277) दिया गया, लेकिन बैंक में पर्याप्त धनराशि न होने के कारण चेक बाउंस हो गया। इसके बाद जब पीड़ित ने फोन के माध्यम से संपर्क करना चाहा, तो विपछी प्रदीप कुमार व रामधीरज पांडेय ने कॉल उठाना बंद कर दिया।
अंततः जब पीड़ित शिव मोहन शुक्ला कोचिंग सेंटर पर अपने पैसे मांगने गया, तो वहाँ उसके साथ गाली-गलौज की गई और जान से मारने की धमकी दी गई। आरोपी उसे धमकाते हुए बोले कि यदि उसने कहीं शिकायत की तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
शिव मोहन ने अपनी शिकायत के साथ फर्जी रिजल्ट की प्रति और चेक की छायाप्रति भी पुलिस को सौंप दी है। साथ ही दोनों आरोपियों के मोबाइल नंबर भी मुहैया कराए हैं। पीड़ित ने पुलिस प्रशासन से अपील की है कि इस मामले में उचित कानूनी कार्रवाई करते हुए उसकी रकम वापस दिलाई जाए, ताकि उसे और उसके परिवार को न्याय मिल सके।
महिला पुलिस उप निरीक्षक अपूर्वा शर्मा का बयान
मामले को लेकर महिला पुलिस उप निरीक्षक अपूर्वा शर्मा ने बताया कि पीड़ित पक्ष की ओर से घटना की तहरीर प्राप्त हुई है। तहरीर में लगाए गए आरोपों की गंभीरता को देखते हुए जांच प्रारंभ कर दी गई है। उन्होंने बताया कि मामले से जुड़े सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए निष्पक्ष जांच की जाएगी। यदि जांच में आरोप सही पाए जाते हैं, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अपूर्वा शर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि पीड़ित को न्याय दिलाना पुलिस की प्राथमिकता है और जांच में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाएगी।