Lakhimpur: गोला में इलाज के नाम पर ठगी: फर्जी जांच रिपोर्ट, बिना बिल और डॉक्टरों के चल रहा अस्पताल व लैब का खेल

  • स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
  • ड़ित युवक ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर की शिकायत

Lakhimpur: जनपद के गोला गोकर्णनाथ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां इलाज और जांच के नाम पर एक युवक और उसके परिजनों से ठगी की गई।

जानकारी के मुताबिक, गोला कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी युवक की बीते माह तबीयत अचानक खराब होने पर उसे बाईपास रोड स्थित रिलायंस पेट्रोल पंप के पास फ्यूचर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। परिजन इस उम्मीद में थे कि यहां बेहतर इलाज मिलेगा, लेकिन यह उम्मीद जल्द ही एक कड़वे अनुभव में बदल गई।

इलाज के दौरान अस्पताल स्टाफ ने कुछ जरूरी जांचों की बात कहकर सैंपल स्टार पैथोलॉजी सेंटर (पटेल चौराहा, मोहम्मदी बाईपास रोड) भेजा। जांच के एवज में युवक के पिता से ₹1500 व ₹600 लिए गए और अतिरिक्त ₹500 भी मांगे गए, जिसे देने से उन्होंने मना कर दिया।

ना रिपोर्ट, ना बिल — जवाब मांगने पर अपमान

सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि जांच के बाद न तो कोई प्रमाणित रिपोर्ट दी गई और न ही पक्का बिल। जब रिपोर्ट की जरूरत पड़ी, तो युवक खुद लैब पहुंचा। वहां उससे अभद्रता की गई और बिल देने से मना कर दिया गया। जांच करने वाले डीएमएलटी डॉक्टर की जानकारी मांगने पर युवक को फटकारते हुए बाहर निकाल दिया गया।

न अस्पताल पंजीकृत, न लैब वैध

पीड़ित युवक द्वारा जांच-पड़ताल में सामने आया कि फ्यूचर हॉस्पिटल और स्टार पैथोलॉजी सेंटर दोनों ही अवैध रूप से संचालित हैं। न अस्पताल में कोई पंजीकृत डॉक्टर है और न लैब में कोई प्रशिक्षित तकनीशियन।

पीड़ित युवक की गुहार

मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित यह युवक अब न्याय की गुहार लगा रहा है। उसने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है और इन फर्जी संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उसका कहना है कि ऐसे केंद्रों से उसे जान का खतरा है।

स्वास्थ्य विभाग पर भी उठे सवाल

जब गोला सीएचसी से महज कुछ कदमों की दूरी पर फर्जी अस्पताल और लैब खुलेआम संचालित हो रही हैं, तो सवाल उठता है कि स्वास्थ्य विभाग की निगरानी और छापेमारी व्यवस्था कहां है? क्या इन संस्थानों को किसी रसूखदार का संरक्षण प्राप्त है?

लैब संचालक का पक्ष

जब स्टार पैथोलॉजी सेंटर के संचालक सुरजीत वर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कई बार काम की अधिकता और दर तय न हो पाने की वजह से सभी को बिल नहीं दिया जा पाता। युवक द्वारा बिल एक महीने बाद मांगा गया, जो सिस्टम में तुरंत उपलब्ध नहीं हो सका। अगर जरूरी है तो प्रयास कर बिल उपलब्ध कराया जाएगा।

मामले से संबंधित सीएचसी अधीक्षक डॉक्टर गणेश से बात की गई तो उन्होंने बताया कि फ्यूचर हॉस्पिटल के बारे में मुझे नहीं पता है कि यह कब से संचालित है। स्टार पैथोलॉजी के बारे में यदि शिकायत हुई है तो आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।

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