
लखीमपुर, निघासन (खीरी)। कस्बे के मोहल्ला झाला में सोमवार को एक बड़ी अग्निकांड की घटना होते-होते बची। गेहूं की नरई जलाते समय भड़की आग ने चेयरमैन मो. कयूम के बहनोई असबाउद्दीन के कोल्हू पर रखी सारी खोई (गन्ने के अवशेष) को जलाकर राख कर दिया। समय रहते आग पर काबू पा लिया गया, जिससे कस्बे के अन्य हिस्सों में आग फैलने का खतरा टल गया।
तेज हवा के बीच जलाई गई नरई, आग ने लिया विकराल रूप
घटना के अनुसार, खैरीगढ़-सिंगाही संपर्क मार्ग के किनारे असबाउद्दीन का कोल्हू स्थित है। कोल्हू के पास ही पूर्व चेयरमैन प्रदीप पुरवार का खेत है, जिसे उन्होंने छोटू मिस्त्री को ठेके पर दे रखा है। सोमवार सुबह करीब 10 बजे छोटू मिस्त्री ने अपने मजदूर रियाजत को गेहूं की नरई जलाकर खेत जोतने के लिए भेजा था। तेज धूप और हवा के बावजूद रियाजत ने नरई में आग लगा दी, जबकि उसे मना किया गया था। जिद में लगाई गई आग ने कुछ ही पलों में विकराल रूप ले लिया।
कोल्हू में रखी खोई जलकर राख, लाखों का नुकसान

तेज हवाओं के चलते आग तेजी से फैली और कोल्हू पर रखी खोई तक जा पहुंची। असबाउद्दीन समेत स्थानीय लोग आग बुझाने का प्रयास करते रहे, लेकिन तब तक खोई धू-धू कर जलने लगी थी। फायर ब्रिगेड और नगर पंचायत का पानी टैंकर मौके पर पहुंचा, जिसके बाद कई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। प्राथमिक अनुमान के मुताबिक इस हादसे में करीब एक लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
गनीमत रही कि आग आबादी तक नहीं पहुंची
समय रहते आग पर नियंत्रण पाने के चलते बड़ा हादसा टल गया। अगर आग आबादी तक पहुंचती, तो भारी जान-माल की क्षति हो सकती थी। इस घटना के बाद मोहल्ले में हड़कंप मच गया और लोग आग बुझाने में जुट गए।
लापरवाही से बड़ा नुकसान
ग्रामीणों ने रियाजत की लापरवाही पर नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि तेज हवा के समय नरई जलाने से बचना चाहिए था। यदि सावधानी बरती जाती, तो इतना बड़ा नुकसान नहीं होता।