लखीमपुर खीरी। एक तरफ सरकार द्वारा किसानों की सुविधा के लिए तरह-तरह के उपाय किए जा रहे हैं ताकि किसानों को किसी प्रकार से खाद्य बीज के लिए परेशान ना होना पड़े वही दुकानदारों द्वारा किसानों का शोषण किया जा रहा है। बरसात होते ही क्षेत्रीय खाद विक्रेताओं ने यूरिया बेचने पर एक नया फंडा चालू किया, जिंक नहीं लोगे तो यूरिया नहीं मिलेगी।
ताजा मामला जनपद लखीमपुर खीरी के ब्लाक बिजुआ क्षेत्र का है। जहां किसानों को यूरिया खाद के साथ जिंक दी जा रही जबकि उक्त किसानों को जिंक की कोई आवश्यकता नहीं है लेकिन दुकानदारों का कहना है अगर आप जिंक नहीं लेंगे तो हम यूरिया नहीं दे पाएंगे।
अब समस्या यह है बेचारे गरीब किसान जिनके पास मात्र यूरिया खरीदने भर का पैसा है वह जिंक कैसे खरीद पाएंगे। किसानों ने बताया यूरिया के साथ में जो जिंक दे रहे हैं वह सब फर्जी है लेकिन फसल को तैयार करने के लिए हमें यूरिया लेना मजबूरी है तो जिंक भी लेनी पड़ रही है।
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यूरिया लेने खाद की दुकान पर गए वहां पर दुकानदार ने कहा यूरिया के साथ में जिंक लेनी पड़ेगी हमारे पास जिंक खरीदने के लिए पैसे नहीं थे दुकानदार ने यूरिया भी नहीं दी । पड़रिया तुला के लगभग सभी दुकानदार यही कर रहे हैं अगर जिंक लो तभी यूरिया मिलेगी।
किशोरी लाल गोंधिया (किसान)
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बरसात होते हैं एकदम यूरिया की सभी किसानों को जरूरत पड़ती है इसलिए दुकानदार यूरिया के साथ में जिंक लगा देते हैं। बहुत ही सस्ती जिंक होती है और महंगे दामों पर किसानों को भेजते हैं।
प्रेम प्रकाश दीक्षित फुटहा (किसान )
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दुकानदार को जिस जिंक पर सबसे अधिक आमदनी होती है वह जिंक बरसात से पहले उठाकर स्टॉक करते हैं और बरसात होते ही किसानों को यूरिया के साथ में वही सस्ती जींक प्रति बोरी के साथ 5 किलो का एक थैला देते हैं। सभी दुकानदारों का यही हाल है लेकिन शासन-प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है।
चंद्रभान दुबई पुरवा (किसान)
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हम लोग जानवरों की वजह से पहले से ही परेशान हैं ऊपर से अब या खाद की किल्लत यूरिया के साथ जबरदस्ती दुकानदार जिंक देते हैं जबकि हमें जिंक की कोई आवश्यक्ता नही है। शासन-प्रशासन बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहा है जबकि किसानों की जेब पर खुलेआम डाका डाला जा रहा है।