लखीमपुर : अघोषित बिजली कटौती और ट्रिपिंग से तंग हुए उपभोक्ता

लखीमपुर खीरी। अमीरनगर बस्तौली पावर हाउस के अन्तर्गत अघोषित बिजली कटौती से ग्रामीणों में त्राहि-त्राहि मची हुई है। उमस भरी गर्मी के बीच बिजली की अघोषित कटौती से ग्रामीण उपभोक्ता परेशान हैं। रात को हो रही कटौती से उपभोक्ताओं की नींद तक पूरी नहीं हो पा रही है। कम बिजली मिलने के चलते इन्वर्टर तक चार्ज नहीं हो पा रहे हैं और वह भी चंद घंटों में जवाब दे रहे हैं। विधुत उपकरण सिर्फ शोपीस बनकर रह गये है। लोकल फाल्ट व ओवरलोड के चलते हो रही ट्रिपिंग से समस्या और विकराल हो गई है। हालांकि अधिकारी जल्द ही इस समस्या से निजात मिल जाने का दावा कर रहे हैं। पिछले माह तक तो बस्तौली पावर हाउस क्षेत्र में बिजली व्यवस्था बेहतर रही।

सरकार का शहर को 24 घंटे, तहसील मुख्यालय के उपभोक्ताओं को 21 व गांव के उपभोक्ताओं को 18 घंटे बिजली देने का फरमान है, लेकिन इन दिनों गर्मी के चलते बिजली की कटौती तेज हो गई है। कंट्रोल से ही रात को कई घंटे बिजली की कटौती की जा रही है। इसके अलावा दिन में भी यही हाल रह रहा है।उधर धान के सीजन की शुरुआत हो चुकी है, अघोषित बिजली कटौती से धान की रोपाई पर संकट खड़ा होने के साथ सैकड़ों एकड़ गन्ने की फसल भी सूख रही है। सरकार की तरफ से दी जाने वाली बिजली सप्लाई पूरी तरह चरमराने से किसान का दिमाग भी चकराने लगा है। उनके माथे पर चिंता की लकीर स्पष्ट दिखाई दे रही है।

मुख्यमंत्री जी के आदेश और निर्देश का बस्तौली पावर हाउस पर कोई असर नहीं हो रहा है।विद्युत कटौती लगातार जारी है ऐसा लग रहा कि विद्युत विभाग सरकार की मंशा के विपरीत कार्य कर सरकार की छवि धूमिल कर रहा है। अघोषित बिजली कटौती से उपभोक्ताओं में विधुत विभाग के खिलाफ आक्रोश पनप रहा है।

आत्मानंद शुक्ला अमीर नगर खीरी

बस्तौली पावर हाउस के हालात दिन पर दिन बद से बदतर हो होते जा रहे है। चरमराई बिजली व्यव्स्था का सुधार लगता है अब बिजली कर्मचारियों के हाथ में अब नहीं 18 घंटे में मात्र 4 से 5 घंटे बिजली मिल रही उसमें भी बीस बार ट्रिपिंग होती है। किसानों की गन्ने की फसल सूखने की कगार पर हैं वहीं धान रोपाई पर संकट मंडराने लगा है।

जुबैर खान अमीर नगर खीरी

भीषण गर्मी में अघोषित बिजली कटौती से उपभोक्ताओं में त्राहि-त्राहि मची हुई है। विधुत उपकरण सिर्फ शोपीस बन कर रह गये है। सूबे के मुख्यमंत्री के निर्देश को दर किनार कर मनमाने तरीके से बिजली आपूर्ति की जा रही है। विधुत उपभोक्ताओं में बस्तौली पावर हाउस के खिलाफ आक्रोश है।

इंद्रजीत सिंह लाडी (अध्यक्ष साधन सहकारी समिति बस्तौली)

अवैध बिजली कटौती को लेकर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई है।इस समय धान रोपाई का सीजन शुरु होने बाला है किन्तु बिजली की अवैध कटौती से धान की रोपाई लेट हो रही है। उधर खेतों में खड़ी गन्ने की फसल भी सूखने के कगार पर है। अगर जल्द ही विधुत आपूर्ति सुचारू रुप से चालू नहीं हुई तो किसान विधुत विभाग के खिलाफ आंदोलन करने को विवश होंगे।

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