लखीमपुर हादसा : शारदा नदी में डूबी नाव, 18 लोग सुरक्षित, पिता-पुत्री लापता

लखीमपुर खीरी: लखीमपुर खीरी के नकहा में शनिवार सुबह शारदा नदी पर एक नाव पलटने से बड़ा हादसा हो गया है। यह हादसा नौव्वापुर घाट के पास हुआ। इस हादसे पर अब पुख्‍ता जानकारी आ गई है। नाव में 20 लोग सवार थे। ये लोग नदी के दूसरे किनारे पर मौजूद साप्‍ताहिक हाट में जा रहे थे। नाव एक अधूरे पुल से टकरा गई और पलट गई। इस हादसे में 18 लोगों को बचा लिया गया, लेकिन एक बाप-बेटी बह गए। गोताखोर उनकी तलाश में सर्च अभियान चला रहे हैं।

चश्‍मदीदों का कहना था कि नाव पलटने के बाद किनारे पर मौजूद लोगों ने डूबते लोगों को बचाने के लिए रस्‍सी और लकड़ी के टुकड़े नदी में फेंके। इस तरह 18 लोगों को बचा लिया गया, लेकिन नौव्‍वापुर के कैलाश (40) और उनकी बेटी सीमा (15) नदी के तेज प्रवाह में बह गए। इन्‍हें एसडीआरएफ और गोताखोरों की टीम खो रही है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह इलाका नाव हादसों के लिए संवेदनशील है। यहां पहले भी कई बार नाव हादसे हो चुके हैं। लोगों ने प्रशासन से अधूरे पुल का निर्माण जल्द पूरा करने की मांग की है। 4 साल पूर्व इसी तरह की घटना हो चुकी है जिसमें आधा दर्जन लोगों की जान गई थी। घटना की सूचना मिलने पर मौके पर सदर एसडीएम अश्वनी कुमार सिंह समेत कई अधिकारी पहुंचे हैं।

पांच साल पहले पांच लोगों की गई थी जान

इसी टूटे हुए पुल के पास करीब पांच साल पहले भी ऐसा ही हादसा हुआ था जब नाव पलट गई थी जिसमें करीब पांच लोगों की डूब कर मौत हो गई थी। ग्रामीणों का आरोप है कि वर्षों से अधूरा पड़ा पुल आए दिन लोगों की जान ले रहा है सरकारें आती है, चली जाती हैं। लेकिन इस पुल की तरफ किसी का ध्यान नहीं जाता। हम लोगों के आने-जाने का माध्यम नाव ही है।

बाढ़ की चपेट में है, जिले की पांच तहसीलें

लखीमपुर खीरी जिले की गोला पलिया निघासन धौरहरा सदर समेत पांच तहसीलें बाढ़ की चपेट में है यहां हर साल बाढ़ की तबाही होती है। कई ग्रामीणों का अपना आशियाना छिन जाता है तो कई गांव का वजूद मिट जाता है शासन प्रशासन बाढ़ से निपटने के लिए पहले से कोई ठोस इंतजाम नहीं कर पाता इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ता है।

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