
गोला गोकर्णनाथ (लखीमपुर): शिवनगरी गोला गोकर्णनाथ में सावन माह की पवित्रता और धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए नगर के प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता महेश कुमार पटवारी ने मंगलवार को नगर पालिका अध्यक्ष विजय शुक्ला ‘रिंकू’ को एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में उन्होंने नगर में बेलपत्र की लगातार हो रही कमी पर चिंता व्यक्त करते हुए मुक्तिधाम मार्ग सहित पूरे नगर क्षेत्र में बेल के पौधे रोपने की मांग की।
महेश पटवारी ने अपने ज्ञापन में लिखा है कि वर्तमान में नगर में बेलपत्र के वृक्षों की संख्या लगातार घट रही है, जिसके कारण सावन माह में शिवभक्तों को शुद्ध, स्वच्छ और पर्याप्त मात्रा में बेलपत्र प्राप्त नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने आशंका जताई कि यदि यही स्थिति बनी रही तो आने वाले वर्षों में सावन में भगवान शिव की विधिवत पूजा करना कठिन हो जाएगा।
उन्होंने धर्मशास्त्रों का हवाला देते हुए बताया कि मान्यता है जब कोई शवयात्रा बेल के वृक्ष के नीचे से होकर गुजरती है तो उस आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी कारण उन्होंने मुक्तिधाम मार्ग की तीनों दिशाओं पश्चिम, उत्तर और दक्षिण में बेल के पौधे रोपने की आवश्यकता जताई। साथ ही उन्होंने यह भी मांग की कि लगाए गए पौधों की सुरक्षा के लिए ट्री गार्ड लगाए जाएं, ताकि वे सुरक्षित रूप से विकसित होकर वृक्ष का रूप ले सकें।
इस पर नगर पालिका अध्यक्ष विजय शुक्ला ‘रिंकू’ ने आश्वासन दिया कि जल्द ही नगर पालिका की ओर से मुक्तिधाम मार्ग पर बेलपत्र के पौधे लगाए जाएंगे। साथ ही उन्होंने नगरवासियों से अपील की कि वे लगाए गए पौधों की देखभाल करें और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें।
16 वर्षों से चला रहे बेलपत्र रोपण अभियान
बताते चलें कि महेश कुमार पटवारी पिछले 16 वर्षों से बेलपत्र रोपण अभियान चला रहे हैं। विशेषकर सावन माह में उनका यह अभियान तेज़ी से जोर पकड़ता है। वे समाचार पत्रों, सोशल मीडिया और जनसंपर्क के माध्यम से लगातार लोगों में जागरूकता फैलाते हैं।
उनका मानना है कि शिवनगरी गोला गोकर्णनाथ, जिसे “छोटी काशी” कहा जाता है, में यदि बेलपत्र ही नहीं रहेगा तो भगवान शिव की पूजा अधूरी मानी जाएगी। अब तक वे नगर के कई मंदिरों, सार्वजनिक स्थलों और मार्गों पर अपने व्यक्तिगत प्रयासों से बेल के पौधे लगा चुके हैं। वे इसे केवल धार्मिक कर्तव्य नहीं, बल्कि एक पर्यावरणीय दायित्व भी मानते हैं।
महेश पटवारी का कहना है कि बेलपत्र न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आयुर्वेदिक और औषधीय गुणों से भरपूर होता है। साथ ही, पर्यावरण संरक्षण के लिए भी बेल का वृक्ष अत्यंत आवश्यक है।
नगरवासियों से की अपील
महेश पटवारी ने नगरवासियों और शिवभक्तों से अपील की है कि वे इस सावन माह में कम से कम एक बेल का पौधा अवश्य लगाएं, ताकि आने वाली पीढ़ियों को भी भगवान शिव की पूजा के लिए बेलपत्र सहजता से उपलब्ध हो सके।