
Lakhimpur Kheri : खुद को एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग) का डायरेक्टर बनाने का झांसा देकर शातिर गिरोह ने जिले के एक व्यक्ति से 36.50 लाख रुपये हड़प लिए। पीड़ित की शिकायत पर लंबे समय तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंततः उसने सीजेएम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट के आदेश पर कोतवाली सदर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ऐसे रचा गया ठगी का जाल
निघासन रोड, मोहल्ला फतेहपुर सैधरी निवासी विपिन वर्मा ने अपने प्रार्थना पत्र में बताया कि जुलाई 2020 में लखीमपुर के एक होटल में कंपनी कालसन हालीडेज एंड सूट अनलिमिटेड के प्रबंधक समेत विजय श्रीवास्तव, अतुल कुमार और हरिनरायन राजभर (पूर्व सांसद व पूर्व मंत्री) से उनकी मुलाकात हुई। इन्हीं लोगों ने उन्हें बताया कि उन्हें एमएसएमई का निदेशक बनाया जा सकता है। विश्वास दिलाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र भी सौंपा गया।
शुरुआत में आरोपियों ने उनसे 13 लाख रुपये नकद ले लिए और बाद में अलग-अलग खातों में किश्तों के रूप में 23.50 लाख रुपये और जमा करा लिए। कुल मिलाकर 36.50 लाख रुपये हड़प लिए गए।
जब फर्जीवाड़ा सामने आया
विपिन वर्मा ने बताया कि अक्टूबर 2020 में जब वे अपनी कार पर डायरेक्टर का बोर्ड लगाकर लखनऊ स्थित कार्यालय पहुंचे तो वहां उन्हें पता चला कि उन्हें दिया गया प्रमाण पत्र पूरी तरह से फर्जी है। इसके बाद जब उन्होंने आरोपियों से पैसे की मांग की तो वर्षों तक उन्हें टालते रहे। अब धमकियां देकर चुप कराने की कोशिश की जा रही है।
संगठित गिरोह के तार नोएडा तक
पीड़ित का कहना है कि जांच-पड़ताल में सामने आया कि आरोपियों का एक संगठित गिरोह है। इसमें बीके भारद्वाज (नोएडा निवासी), अमित कुमार सिंह और एक अन्य शख्स भी शामिल हैं। आरोपियों की राजनीतिक पहुंच और सत्ता से नजदीकी के कारण अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।
कोर्ट के आदेश पर एफआईआर
8 जुलाई 2025 को सीजेएम कोर्ट में दायर प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद आदेश हुआ कि कोतवाली सदर पुलिस तत्काल मुकदमा दर्ज करे। आदेश के अनुपालन में पुलिस ने नामजद आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, छल-कपट और धमकी देने की धाराओं में केस दर्ज कर लिया है।
जांच की जिम्मेदारी उपनिरीक्षक को
कोतवाली सदर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना की जिम्मेदारी उपनिरीक्षक संचित यादव को सौंपी है। पुलिस अब आरोपियों की भूमिका और पैसों के लेन-देन की पूरी जांच कर रही है।











