मजदूर की बेटी बनी दारोगा, गांव पहुंचने पर हुआ स्वागत

जहांगीराबाद के गांव कुरैना निवासी संध्या का दिल्ली पुलिस में दारोगा पद पर हुआ चयन

भास्कर समाचार सेवा
जहांगीराबाद। गुदड़ी के लाल छिपाए नहीं छिपते, यह कहावत चरितार्थ की है जहांगीराबाद क्षेत्र के गांव कुरैना निवासी संध्या ने। संध्या का चयन दिल्ली पुलिस के दारोगा पद पर हुआ है। संध्या ने विपरीत परिस्थितियों में पढ़ाई कर कड़ी मेहनत कर यह पद हासिल किया है। बेटी को दरोगा की वर्दी में देखकर मजदूर पिता की आंखों में आंसू छलक आये।
जहांगीराबाद क्षेत्र के गांव कुरैना निवासी मजदूर गनपत सिंह और कमलेश देवी की बेटी संध्या दिल्ली में दरोगा के पद पर चयनित हुई है। संध्या बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में तेज थी। लेकिन एक मजदूर की बेटी होने के कारण पढ़ाई का यह सफर इतना आसान नहीं था। कड़े संघर्ष के बीच पढ़ाई का सफर संध्या ने जारी रखा। संध्या ने दिल्ली पुलिस में दारोगा के पद पर चयनित होकर न सिर्फ अपने परिवार का बल्कि उनका भी हौंसला बढ़ाया है जो संसाधन के अभाव में पढ़ाई बीच मे ही छोड़ देते हैं। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद शनिवार को गांव लौटी अपनी बेटी का पूरे गांव ने भव्य स्वागत किया। वर्दी पहनकर गांव पहुंची संध्या को देखकर उसके परिजनों के भी खुशी के आंसू झलक पड़े।

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